उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने बुधवार को कहा कि पिछली सरकारों के दौरान, किसान अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त करने में असमर्थ थे और संसद की प्रत्येक बैठक में किसान आत्महत्या का विषय उठता था।
Highlights:
- किसानों को वैज्ञानिक शोध एवं नवाचार से जोड़ा
- 2018 से अन्नदाता किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना दाम मिलना प्रारंभ हुआ
- मुख्यमंत्री ने बुधवार को किसान मेला का उद्घाटन किया
योगी ने कहा कि 2014 में देश की बागडोर संभालते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा। इसके लिए उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा, कृषि सिंचाई, किसान सम्मान निधि जैसी कई योजनाएं शुरू कीं और किसानों को वैज्ञानिक शोध एवं नवाचार से जोड़ा।’’ उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि वर्ष 2018 से अन्नदाता किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना दाम मिलना प्रारंभ हुआ।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने बुधवार को पिकनिक स्पॉट रोड स्थित केन्द्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) द्वारा आयोजित किसान मेला का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों का किसान प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप परंपरागत खेती के अलावा कृषि विविधिकरण भी अपना रहा है। इससे उनकी आय दोगुनी हुई है। मुख्यमंत्री ने ने कहा कि हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों को औषधीय खेती और बागवानी से भी जोड़ा है और उनके आयुर्वेदिक उत्पादों को प्रोत्साहित कर रही है, इससे उत्तर प्रदेश का किसान अपने उत्पाद का कई गुना दाम प्राप्त कर रहा है।
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