वैसे तो हर माह मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजा-पाठ किया जाता है लेकिन फाल्गुन माह की शिवरात्रि का खास महत्व होता है। शिवजी को प्रसन्न करने से लिए शास्त्रों में सोमवार, सावन का महीना, मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की विशेष पूजा आराधना की जाती है।
बता दें कि इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष व्रत का अत्यंत दुर्लभ संयोग बन बन रहा है। साथ ही इस दिन सर्वाथ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन निसंतान दंपत्ति सही समय पर पूजा करेंगे तो निश्चित ही लाभ होगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2023 में महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। आइए जानते हैं शिवरात्रि के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि-
महाशिवरात्रि के दिन प्रातः स्नान कर लें।स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें।फिर दूध, बेलपत्र (बेलपत्र के उपाय), धतूरे, जल, अक्षत और पुष्प से पूजा की थाली सजाएं।जल के लोटे को और पूजा थाली को किसी शुद्ध लाल कपड़े से ढक लें।
अब शिवलिंग की पूजा आरंभ करें और भगवान शिव का ध्यान करें।
शिवलिंग की पूजा दक्षिण दिशा में ही बैठकर करें। सबसे पहले भगवान शिव को दूध अर्पित करें।बेलपत्र, फूल, दीप और अक्षत से भगवान शिव की पूजा करें। फिर उन्हें फल और मिठाई का भोग लगाएं।भगवान शिव की आरती उतारें।इसके बाद प्रसाद को सभी में वितरित करें।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि, 17 फरवरी की रात 8 बजकर 2 मिनट से शुरू होगी और 18 फरवरी की शाम 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी।
निशीथ काल पूजा मुहूर्त – 19 फरवरी को तड़के 12 बजकर 16 मिनट से 1 बजकर 6 मिनट तक