1900 में इस शहर की स्थापना हुई थी। 1908 में रेलवे वर्कर कोलमन्सकोप टाउन में पटरियों से रेत हटा रहे थे इसी दौरान उन्हें चमत्कार रत्न मिला था। उन्होंने इसे अपने जर्मन बॉस ऑगस्ट स्टॉच को दिखाया बाद में, जांच के दौरान उस रत्न को हीरा होने की पुष्टि हुई।
नामीबियाई रेगिस्तान के बीच में एक ‘भूतिया’ शहर कोलमन्सकोप पड़ता है। 900 में इसकी स्थापना हुई थी हालांकि कभी ये शहर हीरों से भरा रहता है। लेकिन अब ये शहर रेत से भरा हुआ है। इस शहर में एक बार सैकड़ों जर्मन लोग कीमती पत्थरों की तलाश में आए थे, जो उन्हें अमीर बना सकते थे। तब यह गांव हर साल 10 लाख कैरेट हीरे का उत्पादन कर रहा था, जो दुनिया के कुल हीरा उत्पादन का 11.7 फीसदी था।
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1956 में इस शहर से हीरे खत्म हो गए थे, शहर पूरी तरह से वीरान पड़ गया था। और धीरे-धीरे ये शहर रेगिस्तानी रेत से भरा गया था। कुछ ही सालों में यहां जर्मन लोग आकर बस गए। उन्होंने यहां अपने घर बनाए। एक समय में ये शहर जर्मन सिटी जैसा दिखने लगा था। यहां चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए बर्फ फैक्ट्री के साथ पॉवर स्टेशन, थिएट, स्कूल, बॉलरूम, अस्पताल बनाया गया था।
Kolmanskop, a town in the Namib desert in southern Namibia, was once a rich diamond mining village. Within a 40 year span the town lived, flourished and then died. “Indoor Desert” shot by Álvaro Sánchez-Montañés: pic.twitter.com/sapatHfYCM
— Betty (@Bettyxx84) July 30, 2020
1920 में 40 बच्चे और 800 वर्कर्स कोलमन्सकोप में रहते थे। लेकेिन जब इस शहर में हीरों में कमी आने लगी तो यहां से लोग अपने घर छोड़कर जाने लगे। तब से ये शहर वीरान पड़ हुआ है। 2002 में इसको पर्यटकों के लिए खोल दिया गया।हर साल लगभग 35 हजार पर्यटक यह देखने के लिए आते हैं कि इस भयानक स्थल पर क्या बचा है।