भारत ने इजराइल-गाजा हिंसा में तत्काल कमी लाने की आवश्यकता पर बल दिया - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

भारत ने इजराइल-गाजा हिंसा में तत्काल कमी लाने की आवश्यकता पर बल दिया

इजराइल और फलस्तीनी चरमपंथियों में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने सभी हिंसक गतिविधियों, खासकर गाजा से किए गए रॉकेट हमलों की निंदा की है। साथ ही हिंसा में तत्काल कमी लाने की जरूरत पर बल दिया है।

इजराइल और फलस्तीनी चरमपंथियों में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने सभी हिंसक गतिविधियों, खासकर गाजा से किए गए रॉकेट हमलों की निंदा की है। साथ ही हिंसा में तत्काल कमी लाने की जरूरत पर बल दिया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने बुधवार को ट्वीट किया कि पूर्वी यरूशलम में इस तनाव के मुद्दे पर हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में उन्होंने कहा, “ भारत सभी तरह की हिंसक गतिविधियों, खासकर गाजा से किए गए रॉकेट हमलों की निंदा करता है।”
तिरुमूर्ति ने इजराइल में एक भारतीय नागरिक की मौत पर शोक जताया और जोर दिया कि ”हिंसा में तत्काल कमी लाना समय की जरूरत है” और ”दोनों पक्षों को जमीन पर यथास्थिति में बदलाव से बचना चाहिए।”
अधिकारियों के मुताबिक, गाजा से फलस्तीनी चरमपंथियों की ओर से किए गए रॉकेट हमले में इजराइल में 30 वर्षीय भारतीय महिला सौम्या संतोष की मौत हो गई। केरल के इदुक्की जिले की रहने वाली संतोष दक्षिण इजराइल के तटीय शहर एशकेलोन में एक बुजुर्ग महिला की देखभाल का काम करती थी।
भारत में इजराइल के राजदूत रोन माल्का ने भारतीय महिला की मौत पर ट्विटर पर शोक व्यक्त किया।
दोनों पक्षों की तरफ से जारी हमलों में अब तक 53 फलस्तीनी और छह इजराइली नागरिक मारे गए हैं।
मंगलवार को भारत ने हरम अल शरीफ/ माउंट मंदिर में झड़पों एवं हिंसा तथा शेख जर्राह और सिलवान क्षेत्र में हो रहे निष्कासनों पर भी चिंता जतायी थी।
तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया था, “भारत हरम अल शरीफ/ माउंट मंदिर में झड़पों एवं हिंसा पर बेहद चिंतित” है तथा “शेख जर्राह और सिलवान क्षेत्र में हो रहे निष्कासनों पर भी उतना ही चिंतित हैं।”
उन्होंने कहा था कि भारत दोनों पक्षों का आह्वान करता है कि वह जमीन पर यथास्थिति को बदलने से बचें। साथ ही कहा कि पुराने शहर में अल जवीया अल हिंदिया- भारतीय आश्रम भी है।
भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2334 का पालन करने की भी अपील की जो कहता है कि, ‘‘पूर्वी यरूशलम समेत फलस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्र में इजराइल द्वारा 1967 से अन्य बस्तियों की स्थापना की कोई कानूनी वैधता नहीं है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत घोर उल्लंघन है तथा दो राष्ट्र के समाधान को हासिल करने एवं स्थायी शांति में बड़ी बाधा है।”
तिरुमूर्ति ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रत्यक्ष शांति वार्ताओं को तत्काल फिर से शुरू करने और दो राष्ट्र समाधान को लेकर प्रतिबद्धता जताने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भी “कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र और इजराइल में गंभीर तनाव’’ को लेकर अत्यंत चिंता व्यक्त की है जिसमें गाजा में पैदा हुआ हालिया तनाव भी शामिल है जो कब्जे वाले पूर्वी यरूशलम में हिंसा और तनाव को और बढ़ाता है।

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