भारत और पाकिस्तान के बीच चल चल रहा राजनीतिक विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा। पाकिस्तान के राजनायिकों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन में शामिल होने से साफ इंकार कर दिया है। बता दें कि कार्यक्रम 20 मार्च के दिल्ली में आयोजित होगा।
आपको बता दे कि भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक विवाद जल्द खत्म होता हुआ नहीं दिख रहा है। भारत में तैनात पाकिस्तान के उच्चायुक्त जिसे राजनयिक विवादों पर चर्चा के लिए वापस इस्लामाबाद बुलाया गया था उसके जल्द भारत आने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। ये बात वरिष्ठ सूत्रों ने पाकिस्तानी अखबार को बताई है।
भारत और पाकिस्तान लगातार एक दूसरे के राजनयिकों को परेशान करने और उन्हें शांतिपूर्वक रहने देने में बाधाएं खड़ी करने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया, ‘पाकिस्तान के उच्चायुक्त सुहैल महमूद जिसे गुरूवार को भारत से वापस बुलाया गया था वह तब तक नहीं जाएगा जब तक पाकिस्तान के राजनयिक स्टाफ और उनके परिवार को परेशान करना बंद नहीं किया जाता है।
बता दे कि दोनों देशों के बीच मौजूदा राजनयिक विवाद 2002 के हालात की याद दिलाता है जब दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद दोनों देशों ने एक दूसरे के यहां से अपने-अपने उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया था।
दोनों देशों के बीच चल रहा राजनयिक विवाद आगे और गहरा हो सकता है। एक तरफ भारत ने जहां पाकिस्तान पर अपने सरकारी वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आरोप लगाया है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारत में होने वाली WTO मीटिंग में हिस्सा न लेने का ऐलान किया था। अगले हफ्ते 19-20 मार्च को भारत में WTO की मंत्रालयी बैठक होने वाली है।
भारतीय अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा लगाए गए सभी ‘वास्तविक’ आरोपों की जांच की जाएगी, वहीं दूसरी तरफ इस्लामाबाद का आरोप है कि भारत सरकार उसके शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रही है। पाकिस्तान का आरोप है कि भारत में इससे पहले कभी भी इस स्तर पर उसके राजनयिकों का उत्पीड़न नहीं हुआ है। वहीं भारत का आरोप है कि पाकिस्तान में उसके राजनयिकों का आईएसआई और अन्य तत्वों द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। भारतीय राजनयिकों का पीछा किया जा रहा है और उन्हें धमकियां दी जा रही हैं।
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