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गोवर्धन पूजा: जानिए सही समय और शुभ मुहूर्त, मिलेगा पूरा फल

गोवर्धन पूजा से जुड़ी एक मान्यता है जिसका उल्लेख भागवत पुराण में भी आता है। भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव के घमंड को तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली से उठाकर ब्रजवासियों को भारी वर्षा से बचाया था।

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भगवान कृष्ण ने जिस समय यहा पर्वत उठाया था वो कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि थी। इसलिए हर साल इस तिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। इस बार गोवर्धन पूजा को लेकर बड़ी असमंजस है। क्योंकि दीपावली के ठीक अगले दिन इस त्यौहार को मनाया जाता है। तो आइये जानते हैं कब मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा और क्या है इसका मुहूर्त।

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कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजन करने का विधान है। इस तिथि को अन्नकूट के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस दिन घरों में अन्नकूट का भोग बनाया जाता है। गोवर्धन पूजा का पर्व दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है लेकिन इस बार अमावस्या तिथि दो दिन होने की वजह से गोवर्धन पूजन 14 नवंबर को मनाया जा रहा है।

हिंदू वैदिक पंचांग तिथि के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आज 13 नवंबर 2023 दिन सोमवार से दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से शुरू होगी और 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार किसी भी त्यौहार की पूजा का शुभारंभ उदया तिथि में करना चाहिए। इस कारण गोवर्धन पूजा 14 नवंबर 2023 दिन मंगलवार को उदया तिथि में होगी।

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गोवर्धन पूजा का मुहूर्त

गोवर्धन पूजा – 14 नवंबर 2023 दिन मंगलवार

गोवर्धन पूजा मुहूर्त – 14 नवंबर सुबह 6 बजकर 43 मिनट से लेकर 8 बजकर 52 मिनट तक।

पूजा अवधि – 2 घंटे 9 मिनट तक।

गोवर्धन पूजन विधि

गोवर्धन पूजा करने के लिए घर के आंगन में गाय के गोबर से भगवान कृष्ण की प्रतिमा बनाई जाती है। इसके साथ ही गाय, बछड़े व ब्रज आदि की भी प्रतिमा बनाई जाती है। इसके बाद उसको फूलों से सजाया जाता है। फिर शुभ मुहूर्त में गोवर्धन महाराज को रोली, अक्षत, चंदन लगाएं। फिर दूध, पान, खील बताशे, अन्नकूट अर्पित किए जाते हैं और विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है।

मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन भगवान की पूजा करने से जीवन में आ रहे सभी कष्टों का निवारण हो जाता है। गोवर्धन की पूजा से आर्थिक समस्याएं और तंगी दूर होती हैं एवं धन धान्य, संतान और सौभाग्य की प्रप्ति होती है।

 

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