वैसे तो दुनियाभर में दशकों से ट्रेनों से सफर किया जा रहा है लेकिन भारत की प्रगति में रेलवे में का सबसे बड़ा हाथ है। भारत में रेलवे का इतिहास भी काफी पुराना है और एक तरह से देखा जाए तो रेलवे ने ही देश के कोने-कोने को एक-दूसरे से जोड़ने का काम किया है। रेलवे और उसकी ट्रेनों की वजह से ही आज इंसान भारत के एक कोने से दूसरे कोने पर आसानी से पहुंच जाता है।
फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस
भारतीय रेलवे की ऐसी कई ट्रेनें है, जो सालों से रेलवे का हिस्सा बनी हुई है। उनमें से ना जाने कितनी ट्रेनें तो आज भी रेलवे ट्रैक पर रोजाना गुजर रही हैं। आज हम आपको 117 साल पुरानी एक ट्रेन के बारे में बताने वाले हैं जो देश के सबसे पॉपुलर और खास रेलवे मार्ग से गुजरती है। हम बात कर रहे हैं फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस की। ये ट्रेन लोगों के बीच बहुत मशहूर है।
कब शुरु हुई फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस
मुंबई और गुजरात दो ऐसे राज्य है जहां जनसंख्या काफी ज्यादा है और इन दोनों शहरों के बीच का सफर रोजाना लाखों लोग करते हैं। इसी वजह से मुंबई से गुजरात का रेलवे मार्ग इंडियन रेलवेज के लिए बेहद अहम है। मुंबई से गुजरात जाने वाले लोगों के बीच अभी भी फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस काफी पॉपुलर है और इस ट्रेन की शुरुआत साल 1906 में ब्रिटिश काल में की गई थी।
फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस नाम की कहानी
ब्रिटिश काल में शुरु हुई ये लोकप्रिय मुंबई-सूरत फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस देश की पहली डबल-डेकर कोच ट्रेन है। एक बड़ी सभा में बॉम्बे सेंट्रल में बुलसर (वलसाड) के तत्कालीन जिला अधीक्षक की पत्नी ने ट्रेन का नाम फ्लाइंग रानी रखा था। हालांकि ये ट्रेन पश्चिमी रेलवे की रानी के नाम से भी बहुत फेमस हुई थी। मगर इस इसकी सेवाओं को बीच में कई बार रोका गया लेकिन लगभग 1950 से ये ट्रेन लगातार पटरी पर है।
रानी एक्सप्रेस का नया रूप
फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस को साल 1965 में देश की सबसे तेज मध्यम दूरी की ट्रेन घोषित किया गया था। वहीं, अब रेलवे ने देश की सबसे पुरानी डबल डेकर कोच वाली ट्रेन का रूप बदल दिया है और इसमें एलएचबी रैक्स को भी जोड़ दिया गया है। इस ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों को इन रैक्स के लगने के बाद पहले से कई बेहतर सुविधा और आरामदायी सफर मिलेगा।