संकष्टी चतुर्थी का व्रत 8 जुलाई बुधवार यानी आज है। यह व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को आता है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आज श्रावण माह में आई है। हिन्दू धर्म के मुताबिक, चतुर्थी तिथि में संकट होता है इसलिए इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं।
गणेश भगवान की पूजा इस दिन करते हैं और साथ ही गणपति का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त व्रत रखते हैं। चलिए आपको संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त, व्रत विधि और इसका सनातन धर्म में क्या महत्व बताया गया है वह बताते हैं।
ये है श्रावण संकष्टी गणेश चतुर्थी का मुहूर्त
8 जुलाई बुधवार यानी आज सुबह 9 बजकर 18 मिनट से प्रारम्भ है और गुरुवार 9 जुलाई की सुबह 10 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगा।
ये है संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व
हिन्दू धर्म में कहा गया है कि गणेश जी की पूजा-अर्चना संकष्टी के दिन करने से व्यक्ति के जीवन से सारी बाधाएं दूर होती हैं। शास्त्रों में विघ्नहर्ता के नाम से गणपति जी को जाना जाता है। दरअसल अपने भक्तों की सभी परेशानियों को गणेश जी दूर करके उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। ऐसी मान्यता है कि चतुर्थी के दिन चांद के दर्शन करना बेहद शुभ होता है। यह व्रत सूर्योदय से प्रारम्भ होता है और संपन्न चांद के दर्शन करने के बाद होता है।
इस तरह होती है संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि
सुबह सबसे पहले संकष्टी चतुर्थी के दिन उठकर स्नान करना चाहिए।
भक्तों को लाल रंग के कपड़े इस दिन पहनकर पूजा करें।
मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर पूजा करते समय रखें।
भगवान को विराजित स्वच्छ आसन या चौकी पर करें।
धूप-दीप प्रज्जवलित भगवान की प्रतिमा या चित्र के आगे करें।
ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपते नमः का जाप करें।
लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग पूजा के बाद भगवान को लगाएं।
चांद देखकर अपना व्रत शाम को व्रत कथा पढ़कर खोलें।
दान जरूर अपना व्रत पूरा करने के बाद करें।
ये पांच चीज़ें गणपति महराज को जरूर चढ़ाएं
भगवान गणेश जी को दूर्वा बहुत पसंद है इसलिए उन्हें दूर्वा संकष्टी चतुर्थी के दिन अर्पित करें। जीवन की समस्त बाधाएं ऐसा करने से दूर होती हैं। भगवान गणेश की पूजा पूरे विधि-विधान से संकष्टी चतुर्थी के दिन करनी चाहिए। घी का दीपक इस दिन उनके पास जरूर जलाएं। व्यक्ति की सभी मनचाही मुरादें ऐसा करने से पूर्ण हो जाती हैं।
गणपति महाराज को साबूत हल्दी की गांठ संकष्टी चतुर्थी के दिन चढ़ाने से वर्तमान में चल रही सभी बाधाएं दूर होती हैं। गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय हैं। इसलिए गणेश भगवान को चतुर्थी तिथि पर मोदक जरूर चढ़ाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।