राज्यपालों पर तमिलनाडु के नए विधेयक की सराहना के लिए स्टालिन ने केजरीवाल को धन्यवाद दिया। स्टालिन का मानना है कि इससे दोनों के बीच संबंध सुधारने में मदद मिलेगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राज्यपालों पर अपनी सरकार के विधेयक की सराहना करने के लिए दिल्ली के अपने समकक्ष अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद दिया और कहा, ‘‘विधायिका की संप्रभुता किसी भी लोकतंत्र में सर्वोच्च होती है।’’ केजरीवाल ने शनिवार को स्टालिन को पत्र लिखकर राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को राज्यपालों द्वारा मंजूरी दिए जाने के लिए समय सीमा तय करने का प्रावधान करने वाला प्रस्ताव पारित करने के लिए तमिलनाडु विधानसभा की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार अगले सत्र में दिल्ली विधानसभा में भी इसी तरह का प्रस्ताव लाएगी।
किसी भी लोकतंत्र में सर्वोच्च है
स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘माननीय अरविंद केजरीवाल को तमिलनाडु विधानसभा के प्रस्ताव की सराहना करने और हमारे रुख का पक्ष लेने के लिए धन्यवाद। वास्तव में, विधायिका की संप्रभुता किसी भी लोकतंत्र में सर्वोच्च है। कोई भी ‘नियुक्त’ राज्यपाल विधायी शक्ति और ‘निर्वाचित’ सरकारों की जिम्मेदारियों को कमतर नहीं कर सकता।’’
मंजूरी की समयसीमा तय करने का आग्रह किया जाए
स्टालिन ने बुधवार को गैर-भाजपा शासित राज्यों से अपनी-अपनी विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया था, जिसमें केंद्र से विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को राज्यपाल से मंजूरी की समयसीमा तय करने का आग्रह किया जाए।
तमिलनाडु विधानसभा ने पिछले सप्ताह इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया था।