पटना : बिहार में निषाद समाज सबसे निचले पायदान में है। यह समाज लगभग बीस विधानसभा में अपना मत देकर प्रतिनिधि बनाता है। मगर दबे कुचले होने केनाते 2005 में श्रीमती राबड़ी देवी और 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एससी-एसटी को आरक्षण में लाया जाये, इसके लिए केन्द्र सरकार को पत्र भेज दिया गया है। केन्द्र सरकार में खुद प्रधानमंत्री अतिपिछड़ा का बेटा है वह आज तक निषाद समाज को एससी-एसटी आरक्षण तो दूर की बात है उन्होंने फाइल भी नहीं देखा। ये बातें आज विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश साहनी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि सन ऑफ मल्लाह समाज पहले चरण में सुपौल, बगहा, खगडिय़ा, भागलपुर तथा अररिया में रैली का आयोजन किया गया है। हम निषाद समाज को बताने का काम करेंगे कि हमारे साथ केन्द्र सरकार वादा खिलाफी कर रहा है। हेलीकॉप्टर द्वारा जगह-जगह जाकर निषादों को जागरूक करेंगे। इतिहास में पहली बार गांधी मैदान में निषाद समाज पांच लाख की संख्या में आये थे। निषाद समाज में लगभग 44 तरह के जातियां हैं जो मल्लाह समाज से जाने जाते हैं। हमारा संख्या भी बिहार 14 प्रतिशत है। जहां करोड़ों की आबादी हमारे समाज का है फिर भी हमारा समाज आज अंतिम पायदान पर जी रहा है। पोखर और नदी किनारे मछली पालन करके किसी तरह दो वक्त का रोटी चलाता है। बारिश के दिनों में तो इस समाज के घर में चूल्हा भी जलना मुश्किल है। अगर हमारे समाज को अनुसचित जनजाति में डालने से नौजवान पढ़ाई लिखाई करेंगे और आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि समाजवादी विचारधारा वाले लोगों के साथ हमारी बातचीत हो रही है जो पार्टी हमें छह सीट देगी उसके साथ हमारे कार्यकत्र्ता कंधा से कंधा मिलकार चलेगे। अगर नहीं दिया तो एकला चलेंगे। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर द्वारा दौरा करने का उद्देश्य है कि हमारे दबेकुचले की आवाज दिल्ली तक पहुंचे। 243 विधानसभा में निषाद समाज की अहम भागीदारी होती है। इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. राजभूषण चौधरी, प्रधान महासचिव छज्ञेटे सहनी, राष्ट्रीय सचिव किशन चौधरी, राष्ट्रीय महिला उपाध्यक्ष श्रीमती सवर्णलता सहनी, आशीष यादव, इतेखाब खुबहानी आदि उपस्थित थे।