कृषि कानूनों की वापसी के बाद से पहली बार पंजाब के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में 5 जनवरी यानी बुधवार को ‘‘गंभीर चूक’’ की घटना हुई। जिसके बाद से केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार कांग्रेस पर लगातार हमलावर है और उनपर मोदी के खिलाफ साजिश के आरोप लगा रही है। इन्हीं आरोप-प्रत्यारोप के बीच कल बीजेपी ने इस मामले पर चन्नी सरकार से सवाल किया था कि पीएम के दौरे की जानकारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को क्यों दी जा रही है?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने दिया जवाब
इस मामले पर सफाई देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से हुई फोन पर बात वाले मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश के पीएम है। हमें उनकी चिंता है, हमें ही नहीं पूरे देश को उनकी चिंता है। यही वजह है की मैंने (प्रियंका गांधी) सीएम चरणजीत चन्नी से फोन पर बात की और इस पूरी घटना की जानकारी ली।
BJP ने कांग्रेस की मंशा पर उठाए थे सवाल
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर प्रियंका गांधी को इस दायरे में रखने की जरूरत पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि एक वर्तमान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा के बारे में प्रियंका वाड्रा को जानकारी दी! क्यों? प्रियंका किस संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें प्रधानमंत्री की सुरक्षा के संबंध में इस दायरे में किस लिहाज से रखा जाना है? चन्नी साब .. सच बोलो, आपने उनसे कहा है ‘काम हो गया .. आपने किस काम के लिए पूछा..जो हो गया’!
चरणजीत सिंह चन्नी ने कही थी यह बात
गौरतलब है कि सीएम चन्नी ने कहा था कि 5 जनवरी को पंजाब के उनके दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई खतरा नहीं था, हालांकि, गृह मंत्रालय ने कहा है कि सुरक्षा चूक के कारण प्रधानमंत्री को अपनी निर्धारित यात्रा रद्द करनी पड़ी और इसके लिए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई। गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा।
यह है सुरक्षा चूक की पूरी घटना
बता दें कि फिरोजपुर में कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जहां से उन्हें गुजरना था। इस वजह से प्रधानमंत्री एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। घटना के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली लौट आए। वह पंजाब में ना तो किसी कार्यक्रम में शामिल हुए और ना ही दो साल के बाद राज्य में अपनी पहली रैली को संबोधित कर सके। पंजाब में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं।