पश्चिमी दिल्ली : घेवरा गांव स्थित मोहल्ला क्लीनिक में कई सुविधाएं नियमित रूप से न मिलने पर ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुविधाएं तो लचर हैं ही उसके साथ-साथ डॉक्टरों की लेटलतीफी की वजह से भी ग्रामीण काफी परेशान रहते हैं। मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टरों के आने का समय सुबह आठ बजे और जाने का दोपहर दो बजे का होता है, लेकिन डॉक्टर के सुबह अपने निर्धारित समय पर न आकर 10 बजे ही आते हैं। जिस वजह से दूर से आने वाले ग्रामीणों को परेशानी होती है।
घेवरा गांव के मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयों से लेकर जांच जैसी सुविधाओं की भी कमी होने के कारण मरीजों को यहां सही उपचार नहीं मिल पाता। जिस वजह से लोगों को निजी क्लीनिक या अस्पतालों के भी चक्कर काटने पड़ते हैं। इलाके में रहने वाले करतार सिंह का कहना है कि मुझे ज्यादातर कमजोरी की शिकायत रहती हैं तो मैंने अपने गांव के ही मोहल्ला क्लीनिक में उपचार करवाया।
वहां दवाइयों की उपलब्धता कम ही होती है। मुझे डॉक्टर ने सिर्फ एक ही कैल्शियम की दवाई दी और कहा इससे पूरा महीना चल जाएगा। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि दिल्ली सरकार कहती है कि मोहल्ला क्लीनिक में 200 करीब टेस्ट मुफ्त में होंगे, लेकिन यहां तो एक भी टेस्ट नहीं होता। बस सामान्य बीमारियों का उपचार चलता है और दवाई भी पूरी नहीं मिलती।
ऐसे में गरीब व्यक्ति कहां अपना इलाज करवाने जाएगा। इस मोहल्ला क्लीनिक को पूरा बनाने के बाद इसे चार महीने बाद इसलिए खोला गया था कि इसमें स्टाफ और दवाइयों की कमी थी। लेकिन अब तो स्टाफ इनके पास पूरा है। उसके बाद भी इनके पास दवाइयां नहीं है। मैं एलर्जी का उपचार करवाने गया तो मुझे पता चला की उसकी कोई दवाई ही उपलब्ध नहीं है।