नई दिल्ली : लोकसभा चुनावों से पहले दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को तेज करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को विधानसभा में कहा कि वह इस मांग को लेकर एक मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे और उन्होंने इसे ‘‘आर-पार की लड़ाई’’ बताया। विधानसभा द्वारा एक प्रस्ताव भी स्वीकार किया गया जिसमें कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय दिल्ली को ‘‘बिना किसी देरी के’’ पूर्ण राज्य घोषित करने के लिए आवश्यक कानूनी और विधायी कदम उठाए। केजरीवाल ने सदन में कहा, ‘‘मैं पूर्ण राज्य की मांग को लेकर एक मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठूंगा।
भले ही हम इस आंदोलन में मर जाएं, हम ख़ुशी-ख़ुशी ऐसा करेंगे लेकिन यह ‘आर-पार की लड़ाई’ जारी रहेगी और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा।’’ आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने पिछले वर्ष मार्च में सीलिंग मुद्दे पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी थी लेकिन बाद में उनका रुख बदल गया था। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पूर्ण राज्य के मुद्दे पर बोलते हुए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दिल्ली के मामलों में केन्द्र के कथित हस्तक्षेप को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि वे पाकिस्तान को संभाले जिसे कि वह नहीं कर सके है और दिल्ली पुलिस तथा एमसीडी दिल्ली के लोगों को दे।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में लोग कानून एवं व्यवस्था की खराब स्थिति और गंदगी की समस्याओं का सामना कर रहे है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों पर पूर्ण राज्य के मुद्दे पर ‘‘पीठ में छुरा घोंपने’’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों की सरकारों ने शहर के लोगों का शोषण किया है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘यहां तक कि अंग्रेजों ने भी इतने अत्याचार नहीं किये होंगे। दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ रुपये आयकर के रूप में चुकाते है और केन्द्र से उन्हें केवल 325 करोड़ रुपये प्राप्त हुए है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि केन्द्र में किस पार्टी की सरकार है, उन्होंने दिल्ली का खून चूसा है।’’ उन्होंने दावा किया कि पूर्ण राज्य के दर्जा का मतलब है कि बेहतर कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा।
दिल्ली, लंदन और पेरिस जैसा स्वच्छ शहर बनेगा और प्रत्येक व्यक्ति का अपना घर होगा। उन्होंने वादा किया कि पूर्ण राज्य के बाद हम 10 सालों में प्रत्येक मतदाता परिवार को घर देंगे। हम युवाओं को रोजगार देंगे, विश्वविद्यालय खोलेंगे और भ्रष्ट तथा अकुशल अधिकारियों को जेल भेजेंगे। प्रस्ताव में सवाल किया गया है कि राजनीतिक रूप से नामित उपराज्यपाल दिल्ली में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए मंत्रिपरिषद के ‘‘सुपर-बॉस’’ के रूप में कैसे काम कर सकते हैं। आप नेताओं ने बताया कि केजरीवाल पूर्ण राज्य के आंदोलन की योजना के लिए पार्टी विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों के साथ सप्ताहांत में बैठकें करेंगे।