मध्य प्रदेश में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) का आंदोलन आज सात दिन बाद समाप्त हो गया है। यह सभी डॉक्टर अपनी कोविड ड्यूटी छोड़कर पिछले सोमवार को हड़ताल पर चले गए थे। सरकार और डॉक्टरों के बीच बातचीत चल रही थी। सरकार से इस बातचीत के बीच तीन हजार से ज्यादा डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया था। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि डॉक्टरो ने बिना शर्त हड़ताल खत्म करने का फैसला किया है।
जूनियर डॉक्टरों ने मांग की थी कि अगर काम करते वक्त वे कोरोना से संक्रमित होते हैं तो उनका और उनके परिवार के इलाज का खर्च सरकार वहन करे। गुरुवार को जबलपुर हाई कोर्ट के द्वारा जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध करार देने और 5 मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों को बर्खास्त करने के बाद जूनियर डॉक्टर आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए थे। मध्य प्रदेश के करीब 3 हज़ार जूनियर डॉक्टरों ने अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया था। वहीं इस मामले में राज्य सरकार का कहना है कि वो पहले ही इन डॉक्टरों को सब सुविधा प्रदान कर चुकी है.
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने कहा था कि हमारी हड़ताल खत्म करवाने के लिए घर पर पुलिस भेजी जा रही है। सरकार बोल रही है कि जूनियर डॉक्टर ब्लैकमेल कर रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं है, अगर ब्लैकमेल करना होता तो तब करते जब मरीज़ ज्यादा थे, अब तो मरीज़ भी कम हैं तो ब्लैकमेल क्यों करेंगे।