नयी दिल्ली : दिल्ली में अतिक्रमण और अवैध निर्माण नहीं रूकने पर केन्द्र सरकार ने संबद्ध अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुये इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्रवाई करने का फैसला किया है। केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज संवाददाता सम्मेलन में बताया कि लोगों को कानून की अनदेखी कर अवैध निर्माण करने की प्रवृत्ति से मुक्त करने के लिये कानून के दायरे में हर संभव कार्रवाई की जायेगी। इसके लिये अतिक्रमण और अवैध निर्माण करने वालों के साथ इन्हें रोकने के लिये उत्तरदायी अफसरों की भी जिम्मेदार तय करते हुये मंत्रालय ने नया तंत्र विकसित किया है।
उन्होंने कहा कि नयी व्यवस्था के तहत स्थानीय लोगों द्वारा मकानों में अवैध निर्माण को रोकने के लिये ऑनलाइन निगरानी तंत्र विकसित किया गया है। इसके लिये डीडीए ने पूरी दिल्ली को 31 ग्रिड में बांटा है। प्रत्येक ग्रिड की जिम्मेदारी नगर निगम के नोडल अफसरों को सौंपी गयी है। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस तंत्र की खास बात यह होगी कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं होने पर संबद्ध अधिकारी को अवैध निर्माण का आरोपी मानते हुये उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर निलंबित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिये मंत्रालय ने एक वेबसाइट और मोबाइल एप विकसित किया है। आगामी नौ जून से वेबसाइट और मोबाइल एप शुरु कर दिये जायेंगे। इन पर कोई भी व्यक्ति अवैध निर्माण की जानकारी दे सकेगा। इस पर संबद्ध ग्रिड के नोडल अफसर तत्काल कार्रवाई करेंगे।
पहले हो चुके अवैध निर्माण और अतिक्रमण को खत्म करने के बारे में हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि इस पर कार्रवाई के लिये डीडीए के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की जायेगी। समिति सभी पुराने मामलों की जांच कर माकूल कार्रवाई करेगी। पुरी ने बताया कि इसके लिये उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुरूप दिल्ली के मास्टर प्लान में संशोधन कर इसका पालन सुनिश्चित करने के लिये दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में गत 25 अप्रैल को विशेष कार्यबल (एसटीएफ) गठित किया गया है। इसकी जिम्मेदारी निजी अथवा कारोबारी मकसद से सार्वजनिक स्थलों पर किये गये अतिक्रमण को हटाना और इसकी साप्ताहिक समीक्षा करना है।
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