उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से फरवरी 2012 में केरल तट के पास इतालवी नौसैनिकों के हमले में मारे गए दो भारतीय मछुआरों के परिजनों के लिए इटली द्वारा दी गयी मुआवजे की राशि उसके खाते में जमा कराने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत मुआवजे की राशि मछुआरों के परिजनों को दे देगी। पीठ ने कहा कि खाते में मुआवजा राशि जमा कराने के एक सप्ताह बाद अदालत इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामले को बंद करने के लिए केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेगी।
फरवरी 2012 में भारत ने दो इतालवी नौसैनिकों सल्वातोर गिरोने और मासिमिलानो लतोरे पर भारत के एक्सक्लूसिव इकोनोमिक जोन (ईईजेड) में मछली पकड़ने गए दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगाया था। घटना के वक्त दोनों इतालवी नौसैनिक इटली के झंडा लगे एक टैंकर पोत एमवी एनरिका लेक्सी पर सवार थे।
पिछले साल सात अगस्त को शीर्ष अदालत ने केंद्र से स्पष्ट कर दिया था कि मुआवजे के लिए पीड़ितों के परिवारों को सुने बिना वह दोनों इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ मामले को बंद करने के अनुरोध वाली याचिका पर कोई आदेश जारी नहीं करेगी।
केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि इटली ने भारत सरकार को आश्वस्त किया है कि वह कानून के तहत दोनों नौसैनिकों के खिलाफ मुकदमा चलाएगी और पीड़ितों के परिवारों को अधिकतम मुआवजा दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।