कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कर्नाटक को भूख से बचाने और श्रमिक वर्ग, गरीब प्रवासियों को सस्ती दरों पर भोजन मुहैया कराने के लिए बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन की शुरुआत की। राहुल गांधी ने आज सुबह बेंगलुरु पहुंच इसको लॉन्च किया। इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि बेंगलुरु में कोई भी गरीब भूखा ना सोए। उन्होंने कहा कि कुछ समय बाद राज्य के अन्य शहरों में भी ऐसी कैंटीन खोली जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी मौजूद रहे।
Karnataka: Congress Vice President Rahul Gandhi launches ‘Indira Canteen’ in Bengaluru pic.twitter.com/awfyykPzZB
— ANI (@ANI) August 16, 2017
दरसअल, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को इसकी घोषणा की थी कि राज्य सरकार बुधवार से समूचे बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन शुरू करेगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा, ‘मुझे यह घोषणा करने में खुशी हो रही है कि बुधवार से बेंगलुरु में इंदिरा कैंटीन खुलने जा रही है, जहां हर दिन शहर के श्रमिक और गरीब प्रवासी सस्ते में भोजन करेंगे।’
शुरुआती चरण में, 101 कैंटीन हर दिन 5 रुपये में शाकाहारी टिफिन (नाश्ता) और 10 रुपये में दोपहर का भोजन और इसी कीमत में रात का भोजन मुहैया कराएंगी। सिद्धारमैया ने कहा कि हम इस कैंटीन का शहर के गरीब पर पड़े अच्छे और बुरे प्रभाव का अध्ययन कर राज्य के अन्य शहरों और कस्बों में भी इसी तरह के कैंटीन खोलेंगे। मुख्यमंत्री के पास ही वित्त मंत्रालय है।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष (2017-18) में सभी 198 वार्डों में पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के प्रसिद्ध ‘अम्मा’ कैंटीन की तर्ज पर कैंटीन चलाने के लिए बजट में प्रावधान किया है। उन्होंने कहा, ”हमारा लक्ष्य कर्नाटक को भूख मुक्त बनाना है। राज्य में हर महीने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) को ‘अन्न भाग्य योजना’ के 7 किलोग्राम चावल मुफ्त प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे दो वक्त भोजन कर सके।”
स्वतंत्रता दिवस के दिन फील्ड मार्शल मानेकशॉ परेड ग्राउंड में करीब 8,000 लोगों की सभा को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि दाल (तूर दाल) की भी सब्सिडी दर पर आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘स्तनपान करा रही माताओं और गर्भवती महिलाओं के लिए मातृपूर्ण योजना के तहत रोजाना मिड डे मील मुहैया कराया जा रहा है। 2 अक्टूबर से इसका विस्तार राज्य के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों तक किया जा रहा है, जिनकी संख्या 12 लाख है।’