चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को डीआरडीओ में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस वक़्त हमारा देश हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और जिस तरह से हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं, ये बहुत जरूरी है कि डीआरडीओ पूरी लगन के साथ काम करता रहे।
उन्होंने कहा कि कल हमारी रक्षा खरीद परिषद की बैठक हुई, जिसमें क़रीब 30,000 करोड़ के हथियार और अन्य उपकरण की स्वीकृति रक्षा मंत्री ने दी है। इसमें से 90% हथियार और उपकरण भारत में बनाए जाएंगे। इन सबमें डीआरडीओ का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। विपिन रावत ने कहा कि “इस बार हम देख रहे हैं कि हमारा निजी उद्योग भी प्रेरित है, उन्हें आपके समर्थन की जरुरत है। मुझे लगता है कि भविष्य में युद्ध के मामले में, हम इसे स्वदेशी हथियारों के माध्यम से जीतेंगे।”
सीडीएस जनरल ने इस दौरान नेपाल को नसीहत दी कि वह चीन से दोस्ती बढ़ाने के लिए आजाद है लेकिन उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि चीन की दोस्ती से श्रीलंका का क्या हाल हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि नेपाल अपने मन मुताबिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी देश से दोस्ती बढ़ाने के लिए आजाद है लेकिन उसे ऐसा करते हुए सतर्क रहना होगा।