ग्वालियर : नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री मिनिस्ट्री ऑफ इन्वायरोनमेंट, फॉरेस्ट एण्ड क्लाइमेट चेन्ज एवं भारतीय संस्कृति निधि, ग्वालियर अध्याय के संयुक्त तत्वावधान में मध्यप्रदेश में पहली बार पर्यावरण एवं ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण के लिये जागरूक करने हेतु 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को जानकारी उपलब्ध कराने हेतु दो दिवसीय स्टेट लेवल टीचर ट्रेनिंग ओरियन्टल प्रोग्राम का आयोजन कलावीथिका में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महापौर विवेकनारायण शेजवलकर ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर निगम के सभापति राकेश माहौर ने की। इस मौके पर नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री नई दिल्ली की निर्देशक नाज रिजवी एवं राज्य संयोजक इन टेक डॉ. एच बी माहेश्वरी विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यशाला में ग्वालियर, डबरा, शिवपुरी, गुना, धार, चंदेरी, विदिशा,दतिया, बुरहानपुर, मण्डला, खण्डवा, जबलपुर एवं मुरैना जिलों के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि ग्वालियर बायो डायवर्सिटी पार्क के साथ-साथस्मार्ट सिटी वाला शहर है। इस शहर में पुरातत्व महत्व की अनेकों इमारतें विद्यमानहैं। इस प्रकार की कार्यशाला के लिये ग्वालियर का चयन किया जाना प्रसन्नता की बातहै। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं के माध्यम से ही छात्र-छात्राओं कोपर्यावरण और ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी जा सकती है।
महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने कार्यशाला में पधारे सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं से भी आहवान किया कि अपने-अपने क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को पर्यावरण एवं पुरातात्विक महत्व की इमारतों के संरक्षण की बारीकियों की जानकारी देकर जागरूक करने का महत्वपूर्ण कार्य करें। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को हमारे देश की ऐतिहासिक इमारतों और उसके इतिहास की जानकारी होना चाहिए।
जानकारी देने का महत्वपूर्ण कार्य शिक्षक से बेहतर कोई और नहीं कर सकता है। कार्यशाला में दिल्ली से आए एक्सपर्ट राहुल कुमार झा ने स्ट्रेश पर अपनी जानकारी प्रस्तुत की। इसके पश्चात दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ. सी आर महेश एवं डॉ. विकास मल्होत्रा ने कार्यशाला के उद्देश्य और उसकी महत्ता के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
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