राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सात देशों के राजदूतों के परिचय पत्र स्वीकार किये । राष्ट्रपति भवन के इतिहास में यह पहला मौका है जब डिजिटल माध्यम से साख प्रस्तुत की गई थी। राष्ट्रपति कोविंद ने टिप्पणी की कि डिजिटल तकनीक ने दुनिया को कोरोना वायरस द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को दूर करने और एक अभिनव तरीके से अपने कार्यों को पूरा करने में सक्षम बनाया है। राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, राजदूतों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक समुदाय के समक्ष अभूतपूर्व चुनौतियां उत्पन्न हो गई हैं और यह संकट वृहद वैश्चिक सहयोग की जरूरत को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न देशों को इस महामारी से लड़ने में सहयोग देने में अग्रणी रहा है । कोविंद ने कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न चुनौतियों से उबरने में डिजिटल प्रौद्योगिकी दुनिया के लिये मददगार साबित हो रही है और इसके कारण नवोन्मेषी तरीके से काम करना संभव हुआ है । उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत डिजिटल रास्तों की असीमित संभावनाओं का अपने लोगों की उन्नति एवं दुनिया के लिये इसका उपयोग करने को प्रतिबद्ध है ।
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राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘‘ आज का समारोह भारत के डिजिटल कूटनीतिक कदम में एक नया आयाम जोड़ता है । ’’राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, ‘‘ राष्ट्रपति भवन के इतिहास में यह पहला मौका है जब वीडियो कांफ्रेंस के जरिये राजदूतों ने परिचय पत्र सौंपे । ’’ राष्ट्रपति को परिचय पत्र सौंपने वालों में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक आफ कोरिया के राजदूत चोइ हू चोल, सेनेगल के राजदूत अब्दुल वहाब हैदरा, त्रिनिदाद एवं टोबैगो के उच्चायुक्त रोजर गोपॉल, मारीशस के उच्चचायुक्त शांति बाई हनुमानजी, आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी राबर्ट ओफारेल, कोटे डेलवयर के राजदूत एम इरिक कैमिले तथा रवांडा के उच्चायुक्त जैकलिन मुकांगिरा शामिल हैं ।