बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के नए डोमिसाइल नियमों की तारीफ करते हुए कहा कि ये नए नियम सभी शरणार्थियों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों को उनके ‘‘लंबित’’ अधिकार दिलाएगा। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा जारी नए नियमों के तहत शरणार्थियों और केंद्र शासित प्रदेश से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों को जल्द ही आवास अधिकार प्राप्त हो जाएंगे।
जेपी नड्डा ने ट्वीट करते हुए लिखा, जम्मू और कश्मीर गैजेट में शामिल किए गए नए डोमिसाइल नियम स्वागत योग्य हैं। यह पश्चिम पाकिस्तान के लोगों समेत अन्य शरणार्थियों, दशकों से जम्मू-कश्मीर में बसे अनुसूचित जाति के कर्मी, जम्मू-कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों के बच्चों को अब आवास का दावा करने का लंबे समय से अटका अधिकार प्राप्त हो जाएगा। सभी के लिए समानता एवं गरिमा होगी।’’
The new domicile rules gazetted in J&K are a welcome step. This will give the long due rights to all refugees incl those from West Pak, SC workers from rest of India settled in J&K for decades,children of KPs living outside J&K to claim domicile now.
Equality & Dignity for all. pic.twitter.com/wymWMuvp6l— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) May 19, 2020
वहीं बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आवास संबंधी नए नियमों को अब अधिसूचित कर दिया है। उन्होंने कहा, “अधिसूचित किए गए अधिवास संबंधी नए नियम अब जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी संबंधी पूर्व के नियमों को हटा देंगे जो कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के साथ ही रद्द हो गए थे। भारत इसकी लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहा था।”
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार को डोमिसाइल प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया के नियमों की अधिसूचना जारी कर दी। डोमिसाइल को मूल निवासी प्रमाण पत्र भी माना जाएगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत अधिकार और जम्मू-कश्मीर नागरिक सेवा अधिनियम, 2010 के नियमों के तहत डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।