हरियाणा के राज्यपाल प्रो.कप्तान सिंह सोलंकी ने अध्यापकों से आहवान किया कि 21वीं सदी में वे बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सकारात्मक विचारों की ओर प्रेरित करें। सोलकी हरियाणा राजभवन में हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समारोह की अध्यक्षता की और शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा विशिष्टï अतिथि के रूप में मौजूद थे।
इस अवसर पर सरकारी स्कूलों में उत्कृष्टï कार्य करने वाले 29 अध्यापकों को सम्मानित किया गया। पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक अध्यापक को एक शॉल, प्रशस्ति पत्र व 21 हजार रूपए की राशि दी गई। समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वास्तव में अध्यापक ही राष्टï्र-निर्माता होता है। अध्यापक एक कुम्हार की भांति अपने कुंभ रूपी शिष्य को उसकी कमियां दूर करके उसे बेहतरीन अवस्था में तरासता है।
उन्होंने कहा कि मां-बाप के बाद एक अध्यापक ही बच्चों को उनका सही मार्गदर्शन करने में सहायता करता है। उन्होंने कहा कि समाज में बच्चे महत्वपूर्ण होते हैं इसलिए भारत के दूसरे राष्टï्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपना जन्म दिन अध्यापकों को समर्पित किया था।
मुख्यमंत्री ने परीक्षा को विद्यार्थी के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पिछली सरकार की फेल न करने की नीति लागू करने के कारण देश में शिक्षा का स्तर काफी गिर गया था ,परंतु वर्तमान सरकार ने इस नीति को समाप्त करके हरियाणा में तो स्कूल स्तर पर मासिक परीक्षा भी आरंभ कर दी है। फलस्वरूप अब सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम भी प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हुए हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही हरियाणा में आठवीं कक्षा में भी बोर्ड परीक्षा शुरू की जाएगी। उन्होंने अध्यापक स्थानांतरण नीति की सराहना करते हुए कहा कि हरियाणा की इस पारदर्शी नीति का अध्ययन करने के लिए कई राज्यों ने अपने अधिकारियों की टीमें भेजी हैं।
उन्होंने राज्य के हर युवा को उच्चतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्घता दोहराते हुए कहा कि राज्य में हर 20 किलोमीटर की परिधि में कालेज खोलने के लिए मैपिंग करवाई है जिसके तहत 29 नए कालेज खोले जाएंगे। शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि पिछले तीन सालों में शिक्षा के क्षेत्र में क्रंातिकारी परिवर्तन आए हैं। अध्यापकों की सहूलियत के लिए जहां ऑनलाइन स्थानांतरण नीति लागू की गई है वहीं नैतिक शिक्षा को स्कूलों में शुरू करके ‘िशक्षा का संस्कारवान वातावरण तैयार किया है।
उन्होंने बताया कि राज्य शिक्षक पुरस्कार की तर्ज पर कला,संगीत,खेल व अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टï प्रदर्शन करने वाले अध्यापकों को सम्मानित करने के लिए शीघ्र ही एक समारोह का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी एक शिक्षक रहे हैं, आज के समारोह में भी एक शिक्षाविद्घ ही शिक्षकों को सम्मानित कर रहा है,क्योंकि राज्यपाल प्रो.कप्तान सिंह सोलंकी भी लंबे समय से