जम्मू और कश्मीर सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना योजना के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को इसके तहत जमीन आवंटित नहीं की जा रही है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर मुफ्ती ने लगाए यहां आरोप
इससे पहले, मुफ्ती ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की पीएम आवास योजना के तहत बेघर लोगों को जमीन उपलब्ध कराने की हालिया घोषणा जम्मू-कश्मीर की जनसांख्यिकी को बदलने का प्रयास हो सकती है। पीडीपी प्रमुख ने आरोप लगाया था, प्रशासन बेघर व्यक्तियों को आवास उपलब्ध कराने के बहाने क्षेत्र में मलिन बस्तियों और गरीबी को ला रहा है, जो मेरा मानना है कि यह जम्मू-कश्मीर की जनसांख्यिकीय संरचना को बदलने का एक प्रयास है।
मुफ्ती पर मनोज सिन्हा ने किया पलटवार
सरकार ने कहा कि महबूबा मुफ्ती द्वारा उद्धृत डेटा आवास और शहरी मामलों से संबंधित है, जबकि पीएमएवाई जी योजना के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत आती है। इसमें कहा गया है कि पीएमएवाई ग्रामीण चरण 1 1 अप्रैल 2016 को शुरू हुआ, जिसके दौरान 2011 के एसईसीसी डेटा के आधार पर जम्मू-कश्मीर में 257,349 बेघर मामलों की पहचान की गई और ग्राम सभाओं द्वारा सत्यापन के बाद, समग्र प्रतिबद्धता के तहत जम्मू-कश्मीर के लिए 136,152 मामले स्वीकृत किए गए।