पटना: बिहार विधानमंडल में आज बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह- वित्त मंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने वित्तीय वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े वर्ग के लिए सामाजिक क्षेत्र पर व्यय के उद्देश्य से राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु राजकोषीय घाटा को जी.एस.डी.पी. का 3.47 प्रतिशत रखा है। राजकोषीय घाटा वर्ष 2022-23 के लिए 25885 करोड़ रुपए अनुमानित है। वर्ष 2022-23 में 45735 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय होना अनुमानित है, जो वर्ष 2020-21 के वास्तविक पूंजीगत व्यय की तुलना में 1.75 गुणा है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त इस बजट में सामाजिक आर्थिक क्षेत्रों पर पूरे बजट का 65 प्रतिशत से अधिक का प्रावधान किया गया है, जिससे वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में आर्थिक विकास को प्रोत्साहन और मानव विकास को प्राथमिकता दी गई है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार से मिलने वाले केंद्रीय करों में 91180 करोड़ रुपए का हिस्सा तथा केंद्रीय अनुदान में 58001 करोड़ रुपए की राशि अनुमानित है।
उन्होंने बताया कि राज्य का कुल स्कीम व्यय वर्ष 2020-21 के 63177 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह वृद्धि 58 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व से चल रही योजनाओं तथा नई योजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राज्यों के लिए विशेष ऋण पैकेज के रूप में वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपए ब्याज मुक्त ऋण की घोषणा की गई है, इससे बिहार राजकोष को अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध होगा।
उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री जी एवं केंद्रीय वित्त मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 के आम बजट में 6 सूत्रों यथा: स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग एवं उद्योग में निवेश, कृषि और संबद्ध क्षेत्र, आधारभूत संरचना (ग्रामीण एवं शहरी) और कल्याण (विभिन्न वर्गों का) पर विशेष फोकस दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में 16134.39 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, गुणात्मकता तथा आधारभूत अधिक संरचना को मजबूत करने के लिए सर्वाधिक बजट 39191.87 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कुल बजट का लगभग 16.5 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि उद्योग एवं उद्योग में निवेश मद में 1643.74 करोड़ रुपए, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के लिए 7712.30 करोड़ रुपए, ग्रामीण एवं शहरी आधारभूत संरचना पर 29749.64 करोड़ रुपए तथा विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए 12375.07 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार के सतत् विकास के लिए वर्ष 2015 में राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए विकसित बिहार के सात निश्चय-1 की उपलब्धियां उत्साहवर्धक रही हैं। वर्ष 2022-23 के बजट में इन निश्चयों के लिए भी राशि का प्रबंध किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के बहुमुखी विकास के लिए बिहार सरकार कृत संकल्पित है।
सरकार द्वारा 2020-25 के लिए सात निश्चय-2 योजना प्रारंभ किया गया है, जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5000 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि ई-शासन के दिशा में 2006-07 से ही बिहार सरकार ने कार्य प्रारंभ किया है। सरकार की सभी योजनाओं से संबंद्ध लाभुकों के अनुश्रवण के लिए पोर्टल बनाया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा आधार प्रामाणीकृत परिवार केंद्रित कॉमन डाटाबेस तैयार करने का निर्णय लिया गया है। इस हेतु कॉमन सोशल रजिस्ट्री पोर्टल विकसित करने हेतु बिहार सरकार काम करेगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना की वैश्विक महामारी की विषम परिस्थितियों के बावजूद मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में राज्य सरकार की नीतियों और नूतन पहल के फलस्वरूप बिहार आर्थिक विकास दर के मामले में देश के अन्य राज्यों की तुलना में अग्रणी रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट मुख्यत: उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने तथा जन कल्याण के उद्देश्य से बनाया गया है, जिससे आर्थिक विकास को प्रोत्साहन तथा मानव विकास को प्राथमिकता के साथ साथ , रोजगार सृजन, उद्योग और उद्यमिता के विकास तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में काफी मदद मिलेगी।