पटना (जेपी चौधरी) : प्रधानमंत्री जी सैकड़ों साल पहले भी इस तरह की महामारी देखने के लिए नहीं मिला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद डिजिटल इंडिया को इतना बढ़ावा दे दिया है कि युवाओं के पास दूसरें को सुख दुख को सोचने की चिंता नहीं है। जब तक नौकरी नहीं मिली तब तक भगवान का नाम भी लेता हूं नौकरी मिलने के बाद लोगों की समस्या के बारे में आज तक विचार नहीं किया।
आजादी के 70 साल के बाद भी ग्राम पंचायत के मुखिया, सीईओ, वीडियो, कलेक्टर, विधायक, और सांसद , इतनी सरकारी योजना के लाभ देने के बावजूद भी गरीबों ऊपर क्यों नहीं उठ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा इंदिरा आवास बनाने के लिए भी पैसा लाभुकों को खाता में आने के बावजूद भी सहायक द्वारा 20,000,15,000 से कम नहीं कम नहीं है अगर भूल से भी कोई शिकायत कर दिया तो उसका इंदिरा आवास नहीं बनेगा। या भारत में लोकतंत्र का खेल है प्रधानमंत्री देशवासियों से आपने कहा था कि करोना भगाने के लिए। दिया और मोमबत्ती जलावे मगर बहुत जगह पर रिवाल्वर से हवाई फायर की गई।
देश में 70 फीसदी लोग अभी भी गरीबी रेखा से नीचे रह रहा है अगर देश में लोकडॉन का सिलसिला बढ़ता गया तो देश में भूख, भूख से महामारी हो जाएगी। प्रधानमंत्री ने देश के धनी व्यक्तियोंओं से कहा था कि गरीब लोग को भोजन उपलब्ध कराओं सोशल मीडिया में बहुत लोगों ने 5 किलो के कुकर में खिचड़ी बना दी और भगवान का प्रसाद समझ बांट कर फोटो सोशल मीडिया में खिंचवा ली। ऐसे करने वाले को भगवान कभी माफ नहीं करेगा।
हर राज्यों के मुख्मंत्री द्वारा हर घर में हाथ धोने के लिए डेटॉल साबुन देने की बात की थी। डेटॉल साबुन देने की तो दूर की बात है ₹5 वाला लाईफ बॉय साबुन की टिकिया दिया जा रहा है। माक्स और सैनिटाइजर राजधानी और जिला तक सीमित रह गया है। अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में माक्स,और सैनिटाइजर अभी तक नहीं पहुंचा वहीं, पटना जिला में गरीब दलितों बस्तियों में जाकर उनसे पूछा तो गरीब और बुरवा ओं को महिलाओं ने कहा है कि हम लोग को साबुन और माक्स,सैनिटाइजर,नहीं चाहिए। कम से कम नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी जी ने सुबह और शाम का राशन व्यवस्था कर दें यही बहुत है। इस महामारी में जिला कलेक्टर और अधिकारी भी इमानदारी पूर्वक काम करें। बहुत किराने की दुकान में सामानों का दाम बढ़ा दिया है इस महामारी में लोगों को सेवा भावनाओं से काम करना चाहिए। कुछ नहीं लेकर जाना है ।कफन में जेब नहीं होता।