देशभर के तमाम शहरों में ओला (Ola), उबर (Uber) जैसी ऐप आधारित कैब कंपनियां सर्विस दे रही हैं। सरकार ने इन कंपनियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह ग्राहकों की शिकायतों का समाधान नहीं करती तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सरकार ने कंपनियों को अपनी प्रणाली में सुधार करने को भी कहा है।
सरकार की कैब कंपनियों के साथ बैठक
सरकार ने मंगलवार को इन कंपनियों के साथ एक बैठक की। बैठक में उनके द्वारा कथित रूप से अनुचित व्यापार व्यवहार की शिकायतों पर चर्चा हुई। बड़ी संख्या में ग्राहकों ने ऐसी शिकायतें की हैं, जिसमें कैब ड्राइवर बुकिंग को स्वीकार करने के बाद उसे रद्द करने के लिए ग्राहकों पर दबाव डालते हैं।
इसकी वजह से ग्राहकों पर कैंसलेशन के लिए जुर्माना लगाया जाता है। ग्राहक मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बैठक के बाद कहा, ‘‘हमने उन्हें उनके मंच के खिलाफ बढ़ती ग्राहक शिकायतों के बारे में बताया। हमने उन्हें आंकड़े भी दिए। हमने उन्हें अपनी प्रणाली में सुधार करने और ग्राहक शिकायतों का निवारण करने के लिए कहा है, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि ‘जागो ग्राहक जागो’ हेल्पलाइन पर बहुत अधिक शिकायतें हैं, जो कैब कंपनियों के खिलाफ ग्राहकों की नाराजगी को दर्शाती हैं। केंद्रीय ग्राहक संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority) की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा कि कैब कंपनियों को तत्काल समस्या का समाधान करना चाहिए। बैठक में ओला, उबर, मेरु, रैपिडो और जुगनू के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, लेकिन उन्होंने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।
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बाद में उबर इंडिया और दक्षिण एशिया के केंद्रीय परिचालन प्रमुख नीतीश भूषण ने कहा, ‘‘हम ग्राहक मामलों के विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और उनके द्वारा दिए गए ब्योरे की अत्यधिक सराहना करते हैं और अपने सुझाव भी देते रहेंगे।’’ उन्होंने कहा कि कंपनी यात्रियों और ड्राइवरों, दोनों के लिए पसंदीदा मंच बनने का लगातार प्रयास करती है और इसके लिए प्रौद्योगिकी तथा ग्राहक सहायता में निवेश जारी है।