ओमीक्रोन के खतरे के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के सभी नए मामलों के नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे। उन्होंने केंद्र से दिल्ली के उन नागरिकों को कोविड रोधी टीके की बूस्टर खुराक की अनुमति देने की भी अपील की, जिन्हें टीके की दोनों खुराक लग चुकी है। मुख्यमंत्री ने लोगों से नहीं घबराने और मास्क पहनने की अपील की, क्योंकि ये वायरस के खिलाफ सबसे अधिक प्रभावी सुरक्षा है।
संभावित प्रभाव और उससे निपटने के कदमों पर चर्चा
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पिछले कुछ दिनों से शहर में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। कल (रविवार को), यह 100 से ज्यादा थे। हमें नहीं पता कि यह किस तरह के कोविड मामले हैं, सामान्य या ओमीक्रोन स्वरूप के मामले हैं। इसलिए यह पता लगाने के लिए सभी संक्रमितों के नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएंगे।” मुख्यमंत्री के अनुसार, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में ओमीक्रोन के हालात, उसके संभावित प्रभाव और उससे निपटने के कदमों पर चर्चा की गई।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में अभी तक कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के 24 मामले आए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से ओमीक्रोन जैसे कोरोना वायरस के नये स्वरूपों से लड़ने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य नागरिकों के लिए बूस्टर खुराक की मंजूरी देने का भी आग्रह किया। केजरीवाल ने कहा, ‘‘हमारी पात्र आबादी में से करीब 90 फीसदी को टीके की पहली खुराक और करीब 70 फीसदी को टीके की दोनों खुराक लगायी जा चुकी है।
दिल्ली में घर में पृथकवास की व्यवस्था को मजबूत किया
उन्होंने कहा, “मैं केंद्र सरकार से उन सभी लोगों के लिए बूस्टर खुराक की अनुमति देने का अनुरोध करता हूं, जिन्हें दोनों खुराक लग चुकी है। हमारे पास बूस्टर खुराक देने के लिए बुनियादी ढांचा है। हम अपने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ शुरुआत कर सकते हैं और फिर बाकी आबादी का टीकाकरण कर सकते हैं।” केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में घर में पृथकवास की व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा, क्योंकि विशेषज्ञों के अनुसार ओमीक्रोन स्वरूप से केवल हल्के लक्षण होते हैं।
उन्होंने कहा, हम गृह पृथकवास व्यवस्था को मजबूत करेंगे क्योंकि ज्यादातर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होगी। ओमीक्रोन स्वरूप को देखते हुए घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमने किसी भी प्रकोप से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अस्पताल के बिस्तर, ऑक्सीजन, दवाओं और अन्य सभी चीजों की पर्याप्त व्यवस्था की है, जो वायरस से निपटने के लिए आवश्यक हो सकती हैं। उन्होंने कहा, हम दिल्ली के लोगों को इलाज में किसी तरह की दिक्कत नहीं होने देंगे।
30 नवंबर को कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर
अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई डीडीएमए की बैठक में गहन विचार के बाद तय किया गया कि कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए और जमीनी स्तर पर पुलिस तथा जिला प्रशासन की मदद से इसका पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि यह भी तय किया गया कि जिन आयोजनों से संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका है, उनपर रोक लगायी जाए। मुख्यमंत्री ने 30 नवंबर को कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर और ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की थी।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, यह आकलन किया गया है कि दिल्ली में 30,000 कोविड बिस्तर तैयार हैं। सरकार दो सप्ताह के नोटिस पर प्रति वार्ड 100 बिस्तरों की व्यवस्था करने में सक्षम होगी, जिससे दिल्ली में बिस्तरों की कुल क्षमता 64,000 से अधिक हो जाएगी। साथ ही जल्द ही 6,800 आईसीयू बेड भी तैयार हो जाएंगे। सरकारी बयान में कहा गया है कि वर्तमान में दवा भंडार को जोड़ा जा रहा है और गृह पृथकवास की व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने किसी भी समस्या को लेकर मरीजों की मदद के लिए एक कोविड हेल्पलाइन नंबर- 1031 जारी किया है। हेल्पलाइन चौबीसों घंटे चालू है। कॉल अटेंडेंट तीन शिफ्ट में काम करते हैं और 600 से 700 कॉल का जवाब दे सकते हैं।