सुप्रीम कोर्ट के फैसले के वाबजूद सभी उम्र की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर विवाद नहीं थम रहा वही इस बीच आज फिर मंदिर के कपाट खुलने वाले है। सबरीमाला मंदिर का द्वार कड़ी सुरक्षा के बीच शाम 5 बजे विशेष पूजा के लिए खुले कपाट। मंदिर श्री चितिरा अट्टा तिरुनाल की पूजा के लिए खुलेगा और अगले दिन रात 10 बजे बंद होगा।
तांत्री कंडारारू राजीवारूमुख्य पुजारी उन्नीकृष्णन नम्बूदिरी मंदिर के कपाट संयुक्त रूप से खोलेंगे और श्रीकोविल (गर्भगृह) में दीप जलाएंगे। केरल के कई इलाकों में धारा 144 लगाई जाएगी। केरल के देवासम मामलों के मंत्री के.सुरेंद्रन ने कहा कि सरकार सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षा मुहैया कराएगी।
हिंदू संगठनों की मीडिया हाउसों से अपील, कहा – युवा महिला पत्रकारों को सबरीमाला ना भेजे
हालांकि, अबतक प्रतिबंधित उम्र की किसी भी महिला ने सबरीमाला दर्शन के लिए पुलिस से सुरक्षा के लिए संपर्क नहीं किया है। आंधप्रदेश और तमिलनाडु के श्रद्धालु पहले ही इरुमेली पहुंच गए हैं। वहीं मंदिर परिसर में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती पर मंदिर के संरक्षक पंडालम राजपरिवार के सदस्यों ने नाराजगी जताई है।
राजपरिवार के करीबी ने सुरक्षाबलों की तैनाती दुखादायी बताया है। अफसोस की बात है कि पुलिस की मौजूदगी में भक्त दर्शन करेंगे। कई हिंदू संगठनों ने मीडिया संगठनों से इस मुद्दे को कवर करने के लिए महिला पत्रकारों को ना भेजने की अपील की है। विश्व हिंदू परिषद और हिंदू ऐक्यवेदी समेत दक्षिणपंथी संगठनों के संयुक्त मंच सबरीमला कर्म समिति ने यह अपील जारी की है।
गौरतलब है की मंदिर को 17-22 अक्टूबर तक पांच दिन तक चलने वाली मासिक पूजा के लिए खोला गया था। उस दौरान प्रतिबंधित आयु वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ श्रद्धालुओं और अन्य संगठनों का विरोध प्रदर्शन देखा गया था। कम से कम एक दर्जन युवा महिलाओं ने प्रार्थना करने का असफल प्रयास किया था लेकिन उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। पुलिस के मुताबिक हिंसक विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ 543 मामले दर्ज किए गए थे।