यूट्यूबर के पोस्ट को री-ट्वीट करने के मानहानि मामले में केजरीवाल के खिलाफ समन बरकरार

यूट्यूबर के पोस्ट को री-ट्वीट करने के मानहानि मामले में केजरीवाल के खिलाफ समन बरकरार

यूट्यूबर के पोस्ट को री-ट्वीट करने के मानहानि मामले में केजरीवाल के खिलाफ समन बरकरार मानहानि मामले (Defamation Case) में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने केस रद्द करने से इनकार कर दिया है। एक यूट्यूबर के वीडियो को री-ट्वीट करने के मामले में उनपर मानहानि का मुकदमा चलेगा। हाईकोर्ट ने कहा कि “अपमानजनक सामग्री री-ट्वीट करना मानहानि के समान है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में निचली अदालत द्वारा मानहानि मामले को चुनौती दी थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया और निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा है। इसके साथ ही सख्त टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा, “केजरीवाल के काफी फॉलोअर्स हैं और वह वीडियो को दोबारा ट्वीट करने के परिणामों को समझते हैं।

 Highlights 

  • यूट्यूबर के पोस्ट को री-ट्वीट करने के मानहानि मामले में केजरीवाल 
  • केजरीवाल के खिलाफ समन बरकरार 
  • मानहानि का अपराध माना जाएगा 

क्या है मामला?

जस्टिस शर्मा ने कहा कि मानहानिकारक सामग्री को रीट्वीट करने पर भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 499 के तहत मानहानि का अपराध माना जाएगा। बता दें कि केजरीवाल के खिलाफ शिकायत सोशल मीडिया पेज ‘आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी’ के संस्थापक विकास सांस्कृत्यायन ने दर्ज कराई थी। उन्होंने दावा किया कि “बीजेपी आईटी सेल पार्ट-2” शीर्षक वाला यूट्यूब वीडियो ध्रुव राठी द्वारा प्रसारित किया गया था और इसमें झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए थे। राठी ने साल 2018 में वीडियो अपलोड किया था, जिसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रीट्वीट किया था। केजरीवाल ने 2019 में याचिका दायर की थी। एक समन्वय पीठ ने दिसंबर 2019 में मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।

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