व्हाट्सऐप में भी सेंधमारी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

व्हाट्सऐप में भी सेंधमारी

भारत में व्हाट्सऐप में सेंध लगाकर भारतीय पत्रकारों, शिक्षाविदों, वकीलों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और दलित कार्यकर्ताओं की जासूसी का बड़ा वाक्या सामने आने से राजनीति में तूफान आना स्वाभाविक है।

भारत में व्हाट्सऐप में सेंध लगाकर भारतीय पत्रकारों, शिक्षाविदों, वकीलों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और दलित कार्यकर्ताओं की जासूसी का बड़ा वाक्या सामने आने से राजनीति में तूफान आना स्वाभाविक है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोकप्रिय ऐप व्हाट्सऐप ने स्वीकार किया कि लोकसभा चुनावों के दौरान दो हफ्ते के लिए यह जासूसी की गई। व्हाट्सऐप ने इसके लिए इस्राइली एनएसओ समूह को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया गया है कि उसने पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर 1400 यूजर्स की निगरानी की थी। 
इस तरह स्पष्ट हो गया है कि अब व्हाट्सऐप भी सुरक्षित नहीं है। व्हाट्सऐप यह दावा करती रही है कि उसके प्लेटफार्म पर जो चैटिंग की जाती है, वह पूरी तरह इनक्रिप्टेड है यानी चैटिंग कर रहे दो लोगों के ​सिवा कोई तीसरा शख्स इसे नहीं पढ़ सकता। एनएसओ समूह और क्यू साइबर टैक्नोलोजी के खिलाफ मुकदमे में व्हाट्सऐप ने आरोप लगाया था कि इन कम्पनियों ने अमेरिका और कैलिफोर्निया के कानूनों के साथ-साथ व्हाट्सऐप की सेवा शर्तों का उल्लंघन किया है। यह भी दावा किया गया है कि मिस्ड काल के जरिये इन लोगों के स्मार्टफोन में घुसकर इन पर नजर रखी गई। दूसरी तरफ एनएसओ समूह ने दावा किया है कि पेगासस केवल वैध सरकारी एजैंसियों को ही बेचा जाता है।
जासूसी तो राजा-महाराजाओं के दिनों में भी होती थी। देशों के भेदिये एक-दूसरे की जासूसी करते थे। कौन कितना ताकतवर है, इसका आकलन किया जाता था। राजमहलों में सियासत और षड्यंत्रों का पता लगाया जाता था। राजा इस बात के लिए भी जासूसी करवाते थे कि कहीं उनके खिलाफ विद्रोह तो नहीं होने वाला। राजा-महाराजाओं का दौर तो खत्म हो चुका। फिर यह काम सरकारों ने शुरू किया। दुश्मन देशों की जासूसी कोई नई बात नहीं। भारत में भी कई पाक जासूस पकड़े जाते रहे हैं। अब तो दूतावास भी जासूसी का गढ़ बन गए हैं। 
भारत में शायद यह पहली बार है कि व्हाट्सऐप के जरिये जासूसी का मामला सामने आया है, परन्तु इससे पहले एक बार ​ब्रिटेन में भी ऐसा ही हुआ था। लेकिन उस समय जानबूझ कर जासूसी नहीं की गई थी। ऐसा गलती से हुआ था। उस समय फेसबुक ने स्वीकार ​किया था कि उसकी इंस्टैंट मेसेजिंग ऐप को व्हाट्सऐप में एक सुरक्षा चूक की वजह से मोबाइल फोन में जासूसी साफ्टवेयर इंस्टॉल हो गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार इस्राइली कम्पनी ने एक ऐसा साफ्टवेयर विकसित किया है जिस व्हाट्सऐप कॉल के जरिये लोगों के फोन में इंस्टाल किया जाता है। विज्ञान के युग में मनुष्य की निजता की कोई गारंटी नहीं है। विपक्ष ने इस मामले में केन्द्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सवाल उठ रहा है कि पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी के लिए पेगासस को किसने खरीदा है। 
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर व्हाट्सऐप से 4 नवम्बर तक जवाब तलब ​किया है। सरकार का कहना है कि उस पर निजता के हनन के आरोप बेबुनियाद हैं। ऐसा करके उसकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। सरकार निजता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और वह दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करेगी। व्हाट्सऐप के खुलासे से लोगों की निजता को लेकर सवाल तो खड़े हुए ही हैं, साथ ही यह बात भी सामने आई है कि व्हाट्सऐप के जरिये ​दुनियाभर में कितने देशों की जासूसी की जा रही है। ऐसी भी रिपोर्ट सामने आई है कि भारत और पाकिस्तान  के अधिकारियों के साथ 20 देशों की सेना की भी जासूसी हुई। 
अब सवाल यह है कि देश में केन्द्र सरकार बहुत मजबूत है, उसे पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की निगरानी की जरूरत क्या है। देश का लोकतंत्र भी बहुत मजबूत है और लोग अपने हितों की सुरक्षा के लिए सक्षम हैं। भारत सरकार सोशल मीडिया पर आने वाले मैसेजों पर नजर रखने की योजना बना रही है तो उसका मकसद फेक न्यूज को रोकना रहा है, जिसकी वजह से कई अफवाहें फैलीं और इसके चलते 40 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। व्हाट्सऐप के 40 करोड़ से ज्यादा यूजर्स भारत में हैं। भीड़ ​हिंसा के कई मामले सामने आने पर सरकार ने व्हाट्सऐप पर गलत सूचनाओं को फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। 
जिसमें किसी मैसेज को फारवर्ड करने की लिमिट तय करना और फारवर्ड मैसेज के ऊपर फारवर्ड लिखना जरूरी किया गया है। सरकार ने यह भी कहा है कि जिस प्लेटफार्म पर भारत में 50 लाख से ज्यादा यूजर्स होंगे तो उन्हें भारत में अपना दफ्तर खोलना होगा। निजता के क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ता सरकार के कदमों को संदेह की नजर से देखते हैं वहीं सरकार के सामने लोगों की निजता बनाए रखने की चुनौती भी है। फिलहाल जासूसी की नई गाथा आपके सामने है, इसके पीछे है कौन? इसका पता लगाना सरकार की ​जिम्मेदारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two + eleven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।