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ओमीक्रोन का बढ़ता खतरा

बेहद तेज गति से फैलने वाला कोरोना वायरस का नया वेरियंट ओमीक्राेन दक्षिण अफ्रीका के बाद 77 देशों में फैल चुका है। भारत में ओमीक्राेन संक्रमितों की संख्या 61 तक पहुंच गई है।

बेहद तेज गति से फैलने वाला कोरोना वायरस का नया वेरियंट ओमीक्राेन दक्षिण अफ्रीका के बाद 77 देशों में फैल चुका है। भारत में ओमीक्राेन संक्रमितों की संख्या 61 तक पहुंच गई है। ​ब्रिटेन में ओमीक्राेन संक्रमित एक मरीज की मौत हो चुकी है और ब्रिटेन, अमेरिका में यह वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। उसके चलते नया संकट खड़ा हो गया है। कई यूरोपीय देशों में फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। भारत जैसे घनी आबादी वाले देशों में नए वायरस की चुनौती सामने है। विशेषज्ञों ने ​चेतावनी दे दी है कि जनवरी-फरवरी में ओमीक्रोन के केस बढ़ सकते हैं। ओमीक्रोन के मामले डेल्टा वेरियंट से भी तेजी से फैलेंगे। 
हालांकि उनका कहना है कि ओ​मीक्रोन का संक्रमण ज्यादा गम्भीर नहीं हो। नए अध्ययन से पता चलता है कि कोरोना वायरस अब स्थानीय बीमारी वाली स्टेज पर पहुंचता दिखाई दे रहा है लेकिन मरीजों को कोविड के बाद के दुष्परिणामों को झेलना पड़ सकता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना की दोनों लहरों के बीच हमने पौने पांच लाख लोगों को खोया है और कोरोना केस कम होने के बावजूद मौतों का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। यह दुनिया के लिए राहत की बात है कि फाइजर कम्पनी ने एक ऐसी टेबलेट बनाने का दावा किया है जो ओमीक्रोन  वेरियंट के लिए भी कारगर है। भारत की समस्या यह है कि कोरोना केस कम होते ही टेस्टिंग, ट्रेकिंग आैर ट्रीटमेंट शिथिल हो चुका है।
हालांकि देश के सभी हवाई अड्डों पर सतर्कता बरती जा रही है लेकिन ऐसी खबरें चौंकाने वाली हैं कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में विदेश से लौटे लगभग 130 लोग लापता हैं। जिनके फोन नम्बर और पते गलत पाए गए हैं। जब तक इनकी टेस्टिंग नहीं होती तब तक क्या पता इनमें से कितने ओमीक्रोन संक्रमित हैं। इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही भारत को महंगी पड़ सकती है। उत्तर प्रदेश में चुनावी सरग​र्मियां जोरों पर हैं। चुनावी जनसभाओं में लाखों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। उत्तर प्रदेश ही नहीं पंजाब, गोवा आदि चुनावी राज्यों में राजनीतिक गतिविधियां जोर पकड़ चुकी हैं। ऐसी स्थिति में ओमीक्रोन का विस्फोट होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। अगर विस्फोट हुआ तो फिर दूसरी लहर जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी लहर के दौरान देश के संसाधनों के संकट और ​चिकित्सा तंत्र की नाकामी को हम देख चुके हैं। अभी ओमीक्रोन का असर गम्भीर नहीं दिख रहा लेकिन यह ध्यान रखने की जरूरत है कि यह कोरोना वायरस का नया रूप है। पिछले करीब दो वर्षों के दौरान इसके असर के त्रासद अनुभव रहे हैं, उसके दृष्टिगत भी वेरियंट को हल्के में लिया जाना खतरनाक हो सकता है। 
यह ठीक है कि देश में व्यस्क आबादी के 55 फीसदी आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है लेकिन अभी तक किशोरों और बच्चों का टीकाकराण शुरू नहीं हुआ है। अभी भी यही कहा जा रहा है कि 6 माह के भीतर किशोरों और बच्चों के लिए टीका आ जाएगा। वहीं दोनाें डोज लगवा चुके लोगों को बूस्टर डोज देने की बात की जा रही है। अभी भी नए वेरियंट को लेकर अध्ययन चल रहे हैं। अगर ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य देशों में ओमीक्रोन का प्रसार देखा जाए तो इन देशों से हमें सबक लेने की जरूरत है। यह साफ है कि ओमीक्रोन वैक्सीन से हासिल सुरक्षा कवच को भेदने में सक्षम है। महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र, केरल, कर्नाटक और चंडीगढ़ में इसके मामले सामने आने के बाद सरकारों को सतर्क हो जाना चाहिए। केन्द्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि संक्रमण का विस्तार न होने पाए। लोगों को भी हर स्तर पर एहतियात बरतना जरूरी समझना होगा लेकिन घबराहट  में आकर हताश होने की जरूरत नहीं है। दरअसल हमारे सामने दोहरी चुनौती है। एक तरफ तो हमें तीसरी लहर से बचना होगा वहीं काफी मुश्किलों के बाद खड़ी हुई अर्थव्यवस्था को भी सम्भाले रखना होगा। साल की दूसरी तिमाही में जीडीपी के आंकड़े 2019 की इसी अवधि में बढ़ौतरी दर को पार जरूर कर पाई है लेकिन निजी खपत की बात करें तो इसके ​लिए प्रत्यक्ष सम्पर्क की जरूरत है। ट्रेड और होटल इंडस्ट्री पिछले दो वर्षों में पूरी तरह धुल चुके हैं। अगर लोग मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें तो तीसरी लहर के खिलाफ आधी जंग तो ऐसे ही जीती जा सकती है। लोगों को जीवन में संतुलन बनाकर रखना होगा। कोरोना बचाव के उपायों को अपनाते हुए कामकाज की सारी गतिविधियों को अंजाम देना होगा। ऐसे लोगों की कमी नहीं जो वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद दूसरी डोज लगवाने में लापरवाही बरत रहे हैं। 
ऐसे लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगवानी चाहिए। अगर ओमीक्रोन के हाट स्पॉट उभरते हैं तो जल्द से जल्द दूसरी जगहों पर संक्रमण रोकने के उपाय करने होंगे। ओमीक्रोन के खतरे के बीच महाराष्ट्र में 7वीं कक्षा तक के स्कूल खोल दिए गए हैं। अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन को पूरी सावधानी बतरनी होगी। बेहतर यही होगा कि लोग भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। ओमीक्रोन वेरियंट कोरोना वायरस के अंत की ओर जाने का संकेत है। इस की खबराें से उबरने तक लोगों को सयंम से काम लेना होगा।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

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