सोहना : विजिलेंस टीम ने सोहना मार्किट कमेटी सचिव को एक आढ़ती से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। रिश्वतखोरी में पकड़े गए मार्किट कमेटी सचिव का नाम राजकुमार बताया गया है। मार्किट कमेटी सचिव के रंगे हाथों घूस लेते पकड़े जाने के बाद मार्किट कमेटी कार्यालय में हडक़ंप का माहौल है। फिलहाल इस मामले में मार्किट कमेटी का कोई भी आला अधिकारी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नही है लेकिन इस मामले ने मार्किट कमेटी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार भरी कार्यप्रणाली की पोल खोलकर रख दी है और जाहिर कर दिया है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार भ्रष्टाचार पर रोक के चाहे जो दावे करे, असलियत भ्रष्टाचार पहले से ज्यादा बढ़ा है। कई अधिकारी-कर्मचारी अभी भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से बाज नही आ रहे है।
सूत्रों की माने तो सोहना मार्किट कमेटी सचिव के पास नूंह मार्किट कमेटी सचिव का अतिरिक्त रूप में कार्यभार है। अनाजमंडी में आढ़त चलाने वाले शेर सिंह डागर ने आढ़त को अपने नाम चढ़वाने के लिए मार्किट कमेटी में बात की। आरोप है कि उससे इसकी एवज में नजराने की मांग की गई। बिना नजराना दिए काम ना होते देख परेशान आढ़ती ने पूरी बात विजिलेंस में जाकर बताई और विजिलेंस के कहे मुताबिक मार्किट कमेटी सचिव को पैसे देने के लिए बुला लिया और जैसे ही शेर सिंह डागर ने मार्किट कमेटी सचिव को 20 हजार रुपए दिए, वैसे ही वहां सादा लिबास में घूम रहे विजिलेंस टीम के इंस्पेक्टर नरेन्द्र सिंह ने डयूटी मजिस्ट्रेट कुंदन सिंह की मौजूदगी में पैसे ले रहे मार्किट कमेटी सचिव राजकुमार को रंगे हाथ दबोच लिया।
ध्यान योग्य यह है कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार जीरो टोलरेंस नीति पर काम कर रही है। बावजूद इसके विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारी कार्यों को निपटाने के नाम पर बेवजह लोगों को परेशान करने और चोरी, छिपे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से बाज नही आ रहे है। विपक्षी पार्टियों के नेता तो खुल्लम-खुल्ला लोगों के काम वक्त पर ना होने और भ्रष्टाचार बढऩे के आरोप आए दिन लगा रहे है। सोहना तहसील कार्यालय और एसडीएम कार्यालय की लाइसेंस शाखा में अधिकारियों की नाक के नीचे पनप रहा भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नही है। मार्किटकमेटी कार्यालय के नीचे ही सोहना में एसडीएम कार्यालय बना हुआ है।
सोहना मार्किट कमेटी सचिव राजकुमार के घूस लेते रंगे हाथों पकड़े जाने और उसकी गिरफ्तारी से यह तो जग जाहिर हो गया है कि सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद भ्रष्टाचार पर अभी पूरी तरह रोक नही लग पाई है। जिस भी विभाग में, जिस भी कर्मचारी, अधिकारी को जहां भी मौका मिलता है, वह अपनी जेब गर्म करने से बाज नही आता है। लोगों में चर्चाएं है कि सोहना एसडीएम कार्यालय की लाइसेंस शाखा में भ्रष्टाचार का जमकर बोलबाला चल रहा है लेकिन अपना काम निकालने के लिए कोई भी खुलकर शिकायत करने और सामने आने को तैयार नही है।