पश्चिम बंगाल में भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने शुक्रवार को संदेशखालि जाने से रोक दिया। पार्टी की राज्य इकाई की महासचिव लॉकेट चटर्जी और अग्निमित्रा पॉल के नेतृत्व वाली भाजपा की टीम को पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए रोक दिया। पॉल ने दावा किया, हमें निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए पुलिस ने संदेशखालि में प्रवेश करने से मना कर दिया गया है। राज्य सरकार सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है। उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में शाहजहां के परिसर पर छापा मारने गए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद से वह फरार हैं।
- भाजपा की महिला प्रतिनिधिमंडल को संदेशखाली जाने से रोका गया
- निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए पुलिस ने संदेशखालि में प्रवेश करने से मना किया
- राज्य सरकार सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है- BJP
NHRC की टीम पहुंची संदेशखाली
इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखालि पहुंची जहां वह मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच कर तथ्यों की पड़ताल करेगी। उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने व यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। संदेशखालि में इन आरोपों को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
जांच करेगी टीम
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम नाव से कालागाछी नदी पार करने के बाद धमाखालि नौका घाट से होते हुए संदेशखालि पहुंची। टीम क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच कर तथ्यों की पड़ताल करेगी। एनएचआरसी ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आईं खबरों पर संज्ञान लिया है, जिनमें कहा गया है कि संदेशखालि में गरीब महिलाओं को कथित तौर पर परेशान किया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया।
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