छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ऑनलाइन सट्टेबाजी के ऐप महादेव का मामला गर्माहट लाने लगा है, आरोपियों पर सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है। इस मामले में दो आरोपियों पर इनाम घोषित किया गया है, दो आरक्षकों को बर्खास्त किया गया है और यह मामला विधानसभा में भी गूंजा। महादेव ऐप एक ऑनलाइन सट्टेबाजी का ऐप है, जिसमें विभिन्न खेलों पर दाव लगाया जाता है और इसका संचालन छत्तीसगढ़ से दुर्ग से होता रहा है, उसके बाद इसका संचालन दुबई से होने लगा।
मामले में आयकर विभाग और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट का प्रवेश
इस ऐप की जांच की शुरुआत के साथ ही पहली प्राथमिकी दुर्ग पुलिस ने दर्ज की थी। उसके बाद इस मामले में आयकर विभाग और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट का प्रवेश हुआ। जांच में पैसे के लेनदेन की बात साफ हुई थी और यह पूरा खेल 40 हजार करोड़ से ज्यादा का बताया गया। ईडी ने जांच के बाद एसीबी में भी एफआईआर दर्ज कराई थी, इस मामले में कई गिरफ्तारियां हुई। पुलिस ने अभी हाल ही में दो प्रमुख आरोपी और इस ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर पर 35 हजार का इनाम घोषित किया है, इसके अलावा एक अन्य आरोपी रवि उप्पल पर भी इनाम घोषित किया जा चुका है। इस मामले में शामिल दो आरक्षकों अर्जुन सिंह यादव और भीम सिंह यादव को बर्खास्त कर दिया गया है।
महादेव ऐप के आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा
एक तरफ जहां महादेव ऐप के आरोपियों पर पुलिस का शिकंजा कस रहा है, तो वहीं इससे जुड़े पुलिस महकमें के लोगों पर भी कार्रवाई हो रही है। गुरुवार को विधानसभा में भी यह मामला गूंजा। विधानसभा में राजेश मूणत ने इस सवाल को उठाया और जनवरी 2020 से नवंबर 2023 तक महादेव सट्टा ऐप के साथ अन्य सटटा ऐप पर सवाल पूछा। राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में महादेव सटटा ऐप पर कुल 28 शिकायतें आई हैं और कुल 90 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
20 हजार युवा महादेव सटटा ऐप की गिरफ्त में
भाजपा विधायक मूणत का दावा है कि सिर्फ एक विधानसभा भिलाई नगर के वैशाली नगर में 20 हजार युवा महादेव सटटा ऐप की गिरफ्त में है। यह पूरा गिरोह ऐप को दुबई से संचालित कर रहा है। गृहमंत्री के मुताबिक, रायपुर में 36, दुर्ग में 23, बिलासपुर में दो और जांजगीर में दो प्रकरण दर्ज है। सूरजपुर में भी चार प्रकरण दर्ज है। महादेव ऐप में विशेष रूप से 67 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 54 पर चालान पेश किया गया है। इससे जुड़े 507 बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया जारी है। 221 खाते फ्रीज किए जा चुके हैं। इनमें से एक करोड़ 16 लाख रुपये फ्रीज हुए हैं। एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की जांच अंतिम दौर में है।