पूर्वोत्तर राज्य मेघालय की राजधानी शिलांग में बृहस्पतिवार को पंजाबी युवती के साथ कथित छेड़छाड़ के बाद एक बस खलासी के साथ मारपीट की घटना के बाद तीन दिनों से भड़की हिंसा एवं तनाव के बाद रविवार को हालात धीरे धीरे सामान्य होते हुए दिखाई दिए। बताया जाता है कि बस खलासी की मौत की अफवाह ने हिंसा की आग में घी डालने का काम किया और यह विवाद पंजाबी बनाम स्थानीय खासी समुदाय की नाक की लड़ाई बन गया।
राजधानी के ज्यादातर इलाकों में रविवार को कर्फ्यू में सात घंटे की ढील दी गई। हालांकि इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद हैं। पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है। ईस्ट खासी हिल्स जिले के उपायुक्त पी. ए. खार ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की गश्त जारी है। हालात तनावपूर्ण लेकिन काबू में हैं।
खासी छात्र संघ समेत विभिन्न संगठनों ने थेम मोटर इलाके में पंजाबियों की बस्ती को अवैध करार देते हुए उन्हें राज्य से निकालने की मांग उठाई। वहीं पंजाबी समुदाय का दावा है कि उनके पूर्वज सौ साल से अधिक समय से इलाके में रह रहे हैं। फिर वे बाहरी कैसे हो गए?
Police used tear gas shells to disperse protesters in #Shillong, detained five persons. Curfew remains imposed & internet services remain suspended in parts of city after clash broke out b/w 2 groups following escalation of an argument between a woman & a bus conductor #Meghalaya pic.twitter.com/nMmLRss9o9
— ANI (@ANI) June 3, 2018
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम कोनराड संगमा से फोन पर बातचीत कर पंजाबी समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा पर चिंता जताते हुए उनसे इस दिशा में जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया। संगमा ने अमरिंदर को भरोसा दिया कि सरकार उन लोगों की सुरक्षा के समुचित उपाय कर रही है।
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