चुनाव आयोग ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म से एक अलग आचार संहिता बनाने को कहा है और इस माध्यम का दुरुपयोग न करने की सलाह दी है।
आयोग ने मंगलवार को फेसबुक, व्हाटसऐप, इंटरनेट, मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिये।
इस पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म के प्रतिनिधि सहमत हो गये और उन्होंने आश्वासन दिया कि वे एक संहिता तैयार करेंगे और इस बारे में कल विस्तृत रूपरेखा पेश करेंगे।
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मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ ने कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष तरीके से सम्पन्न कराने के लिए आयोग के पास आदर्श चुनाव संहिता है और उसका पालन सुचारू रूप से होता रहा है लेकिन अब सोशल मीडिया को देखते हुए उसके लिए भी एक संहिता बनाना जरूरी हो गया है ।
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने कहा कि सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं को खुद इस माध्यम का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए एवं आत्म नियंत्रण का परिचय देना चाहिए । लेकिन अब इस दिशा में सोशल मीडिया के प्रबन्धनकर्ताओं को भी सोचना चाहिए। चुनाव आयुक्त सुशील चन्द ने कहा कि सूचना को फैलाने में सोशल मीडिया के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं भी होती हैं, इसलिए उसके दुरुपयोग की रोकथाम के लिए दंडात्मक उपाय खोजने की जरूरत है। चुनाव आयोग की इन बातों को सुनकर सोशल मीडिया के प्रबन्धनकर्ता एक आचार संहिता तैयार करने पर राजी हो गये।