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ऑनलाइन अपडेट नहीं होंगे अब नाम व मोबाइल नंबर

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श्योपुर: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने डेढ माह में दूसरा बदलाव करते हुए आधार में नाम, मोबाइल नंबर,ई-मेल आईडी के ऑनलाइन अपडेशन पर रोक लगा दी है। अब यह सभी चीजें अधिकृत आधार सेंटर पर ही अपडेट हो सकेंगी, वो भी वैध दस्तावेजों के साथ ले जाने के बाद।

ऑन लाइन सिर्फ पते में संशोधन किया जा सकेगा। यूआईडीएआई के इस निर्णय से वे लोग परेशान हो रहे हैं,जो अभी तक यह सब चीजें ऑनलाइन घर बैठे ही फुर्सत मिलने पर किया करते थे। अब आधारकार्ड में नाम, सरनेम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी वगैरह ऑन लाइन अपडेट नहीं हो सकेंगे। इसके लिए संबंधित व्यक्ति को वैध दस्तावेजों के साथ आधार एनरोलमेंट सेंटर पर ही हाना होगा।

यूआईडीएआई ने अपने पोर्ल रेसीडेंटडॉटयू आईडीए आईडॉटगवर्मेंटडॉट इन इस बारे में बड़ा बदलाव किया है। अभी तक यूजर्स इस वेबसाइट पर जाकर आधारकार्ड पर अंकित ज्यादातर जानकारी ऑनलाइन अपडेट कर सकते थे। विगत डेढ माह में यह दूसरा बडा बदलाव है।

इससे पहले पासवर्ड को लेकर बदलाव किया गया था। यूआईडीएआई के इस बदलाव के बाद लोग परेशान हो रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें हो रही है,जो अपनी व्यस्तताओं के चलते आधार सेंटर पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि जब सरकार ऑन लाइन सिस्टम को बढावा दे रही है तो फिर आधारकार्ड मामले में इस बदलाव की क्या जरूरत आन पडी। ऑन लाइन अपडेट से हमारा समय बचता है और हम कभी भी कोई चीज ऑन लाइन अपडेट कर देते हैं,किन्तु आधार में किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए उन्हें अधिकृत आधार सेंटर पर जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

आधार की नॉन स्टेट रजिस्ट्रार एजेंसी के अधिकारियों की मानें तो यूआईडीएआई ने यह बदलाव डाटा सिक्योरिटी में तकनीकी खामी से बचने के लिए किया है। डाटा सिक्योरिटी का मतलब यह है कि आवेदक स्वयं ही अपना आधार अपडेट कर रहा है। ऑन लाइन अपडेट करते वक्त वह किसी भी चीज में अपना बदलाव कर सकता है। जिससे कभी कोई परेशानी हो सकती है। इसलिए यूआईडीएआई ने ऑन लाइन अपडेशन पर रोक लगाते हुए नाम,मोबाइल नंबर,ई-मेल आईडी आदि में संशोधन के लिए अधिकृत आधार सेंटर पर जाना अनिवार्य किया है। यहां यह चीजें तभी अपडेट होंगी,जब आप जरूरी दस्तावेज दिखाएंगे।

उन पढे़-लिखे नौजवानों का आरोप है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने यह बदलाव तो कर दिया, लेकिन इस बदलाव संबंधी प्रचार-प्रसार नहीं किया, जिसके चलते लोगों को इस बात का पता ही नहीं चल पा रहा है कि यूआईडीएआई ने ऐसा कोई बदलाव कर दिया है। कायदे से यूआईडीएआई को इस बदलाव का प्रचार करना चाहिए था,ताकि लोगों को इस बारे में जानकारी मिल सके। अधिकांश कार्य ऑन लाइन करने वाले युवाओं का कहना है कि वर्तमान समय में आधार सेंटर भी गिने-चुने रह गए हैं। ऐसे में आधार में किसी भी संशोधन के लिए न केवल दूरी तय करनी पड रही है,बल्कि समय भी बर्बाद हो रहा है।

वैसे तो यूआईडीएआई ने एक अक्टूबर से सभी आधार सेंटरों को सरकारी संस्थानों में शिफ्ट करने का फरमान जारी किया था, लेकिन विडंबना की बात यह है कि श्योपुर जिले में इस फरमान पर 90 प्रतिशत अमल नहीं हुआ है। डेढ माह के कार्यकाल में महज तीन सेंटर ही सरकारी संस्थाओं में स्थानांतरित हो पाए हैं। जबकि शेष जहां थे,वहीं चल रहे हैं, जिसके चलते वे आधार के नाम पर आज भी लोगों से अवैध वसूली करने में लगे हुए हैं और जिम्मेदार ई-गवर्नेंस एवं प्रशासन के अधिकारी इस दिशा में मौन साधे हुए हैं।

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