संदेशखाली हिंसा: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के प्रमुख अरुण हलदर ने शुक्रवार को कहा कि आयोग ने संदेशखाली में TMC समर्थकों द्वारा महिलाओं के उत्पीड़न के बारे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को संदेशखालि का दौरा किया था, जहां बड़ी संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर बलपूर्वक जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
- NCSC पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है।
- राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंपी गई है
- आयोग प्रतिनिधिमंडल ने कल संदेशखाली का दौरा किया
संदेशखाली में भारी हिंसा
राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए हलदर ने संदेशखाली में अत्याचार और हिंसा के बारे में संक्षिप्त विवरण साझा किया। उन्होंने कहा, हमने सिफारिश की है कि पश्चिम बंगाल की स्थिति को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राज्य में अपराधियों ने वहां की सरकार से गठजोड़ कर लिया है। उन्होंने कहा कि संदेशखाली में हिंसा का असर अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर भी पड़ रहा है। शाहजहां से जुड़े लोगों ने राशन घोटाले के सिलसिले में छापा मारने गए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर कथित तौर पर हमला किया था, जिसके बाद से शाहजहां फरार हैं। महिलाएं शाहजहां को गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं।
BJP-कांग्रेस को नहीं मिली अनुमति
नेताओं के ग्रामीणों पर किए गए अत्याचार को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन से दहले पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में शुक्रवार को भी तनाव बना रहा। भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय टीम और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को इस क्षेत्र का दौरा करने गए थे लेकिन उनको वहां एंट्री नहीं दी गई है। इसके लेकर दोनों पार्टी के नेताओं ने धरना- प्रदर्शन किया है। पांच महिलाओं समेत भाजपा के छह सांसदों का आज दोपहर उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि का दौरा करने का कार्यक्रम था। सांसदों ने आरोप लगाया है कि वहां कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।
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