एक ओर विश्व महिला दिवस में सीएम योगी ने प्रदेश भर की महिलाओं को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया। वहीं दूसरी ओर महिला दिवस के दूसरे ही दिन खुद सीएम के हेल्पलाइन में काम करने वाली लड़कियों के साथ बदसलूकी की गयी। हेल्पलाइन में काम करने वाली युवतियों का आरोप है कि उनसे ऑफिस के अंदर अभद्रता की गयी। टॉर्चर के कारण लड़कियां बेहोश हो गईं। उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पुलिस से भी उनकी भिड़ंत हुई।
बता दें कि गोमतीनगर के विभूतिखंड में साईबर हाईट में सीएम हेल्पलाइन संचालित है। बीपीओ स्योरविन नामक कंपनी इसका काम देख रही है। इसके अंडर में लड़कियों समेत कई टेलीकॉलर सीएम हेल्पलाइन में काम कर रहे हैं।
लड़कियों ने बताया कि तीन चार महीने से हमें वेतन नहीं मिला। इसके लिए कई बार मांग उठाई गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शुक्रवार की सुबह हद तो तब हो गई जब हेल्पलाइन की टेलीकॉलर 20 लड़कियों को एक कमरे में बंद कर दिया गया। लड़कियों ने आरोप लगाया कि उनके ट्रेनर और सुपरवाइजर अनुराग और आशुतोष ने लड़कियों से सादे कागज पर साइन कराने की कोशिश की।
युवतियों ने मना किया तो उन्हें धमका कर उनसे बदतमीजी की गई। लड़कियों का दुपट्टा खींचा गया। इसका वीडियो भी अनुराग और आशुतोष ने बनाया। इसी टॉर्चर के कारण लड़कियां बेहोश हो गईं तो दोनों ट्रेनर भाग निकले। बेहोश होने वालों में मोहनलालगंज की शालू यादव, बिहार की शिवानी, मडियांव की सीमा, जौनपुर निवासी मंजू यादव और मडियांव की निवासी शमा नाज परवीन शामिल हैं। साथी कर्मचारी उन्हें लोहिया अस्पताल में लेकर पहुंचे। सूचना पर पहुंची पुलिस टीम से भी सबकी भिड़ंत हुई।
वही ,हंगामे की सूचना पाकर एसपी नार्थ अनुराग वत्स मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की। लेकिन कर्मचारी कंपनी के अफसरों और पुलिस पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।
उधर, सीएम हेल्पलाइन के कार्यालय के बाहर अन्य कर्मचारियों ने भी हंगामा करना शुरू कर दिया। इसके बाद बीपीओ ने लिखित शिकायत की है कि ये टेलीकॉलर्स काम नहीं करने दे रहे हैं। उनका कहना है कि कल सैलरी के लिए लड़कों ने धरना दिया था, जिसका बदला आज लड़कियों ने ऐसे लिया।
एसीएम अमित कुमार ने टेलीकॉलर्स को आश्वासन दिया है कि उन्होंने मैनेजमेंट से बात की है। जिन लोगों को भी सैलरी संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें जल्द ही वेतन दिया जाएगा।
वहीं एसीएम ने यह भी कहा कि लड़कियों के उत्पीड़न बारे में भी मैनेजमेंट से बात की गई लेकिन उन्होंने आरोपों को निराधार बताया है। लेकिन अगर फिर भी लड़कियों से तहरीर मांगी गई है तो इस आधार पर मामले की जांच की जाएगी।
पुलिस को यहां जांच के दौरान एक बैग मिला है, जिसमें पेट्रोल से भरी एक बोतल मिली। बैग किसका था ये तो पुलिस को पता नहीं लग पाया है। हालांकि, करीब तीन घंटे की जद्दोजहत के बाद मामला शांत हुआ।
अन्य विशेष खबरों के लिए पढ़िये पंजाब केसरी की अन्य रिपोर्ट।