Varanasi लोकसभा सीट से कॉमेडियन Shyam Rangeela का पर्चा हुआ खारिज

Varanasi Lok Sabha Seat से पर्चा खारिज होने पर, कॉमेडियन Shyam Rangeela हुए भावुक

Shyam Rangeela Varanasi

Varanasi Lok Sabha Seat Rejects Shyam Rangeela: Varanasi Seat से नामांकन के बाद श्याम ने कहा था कि आप सबकी शुभकामनाओं और सहयोग से मुझे ताकत मिली, आज देर से ही सही, नामांकन हो गया है।

Highlights:

  • कॉमेडियन श्याम रंगीला का पर्चा हुआ ख़ारिज
  • नामांकन पत्र में त्रुटि होने की वजह से हुआ पर्चा ख़ारिज
  • इस पर ट्वीट करे जरिये दी जानकारी

 

कॉमेडियन श्याम रंगीला का नामांकन खारिज हो गया है। उन्होंने वाराणसी से पर्चा भरा था. जांच के बाद श्याम रंगीला का पर्चा खारिज हो गया। श्याम रंगीला ने ट्विटर पर एक ट्वीट के जरिये नामांकन रद्द होने की जानकारी दी। नामांकन पत्र में त्रुटि की वजह से उनका पर्चा खारिज किया गया।

‘वाराणसी से नहीं लड़ने देंगे यह तय था, अब साफ हो गया’- Shyam Rangeela

नामांकन रद्द होने के बाद उन्होंने कहा कि ‘वाराणसी से नहीं लड़ने देंगे यह तय था, अब साफ हो गया। दिल जरूर टूट गया है, हौंसला नहीं टूटा है. आप सबके सहयोग के लिए शुक्रिया। मीडिया और शुभचिंतकों से निवेदन है कृपया अभी कॉल ना करें, जो भी सूचना होगी यहां देता रहूंगा, शायद अब थोड़ी देर बातचीत करने की इच्छा नहीं है।

अधिकारियों ने नहीं किया कोई सहयोग- Shyam Rangeela

श्याम रंगीला ने नामांकन रद्द होने पर कहा, ‘मुझ जैसे कई लोग पहली बार जो चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें नहीं पता होता। ऐसे में यह काम निर्वाचनअधिकारियों का होना चाहिए कि वो हमें बताएं कि कौन-कौन से दस्तावेज लगाने हैं। अधिकारियों ने कुछ नहीं कहा। सिर्फ चार रसीदें ली, डिपॉजिट रसीद दी और हमें बाहर भेज दिया। बाहर आने के बाद हमें लगा कि हमारा नामांकन हो गया है। जब मैंने अपने वकील को दिखाया तो उन्होंने थोड़ी चिंता जरूर जाहिर की थी लेकिन उसमें समय लिखा हुआ था कि 14 मई को 11 बजे तक संशोधन जमा कर सकते हैं। हम भागकर रात में आए लेकिन कोई मदद नहीं मिली। सुबह लाइन में लगे. शाम 5 बजे तक बारी आई.’Varanasi Lok Sabha Elections 2024: Comedian Shyam Rangeela Again Faces Obstacles In Filing Nomination Against PM Modi, Narrates Ordeal In Fresh Video

इंदौर, सूरत में जो गलत हुआ, संदेश देने वाराणसी आया

रंगीला ने कहा, ‘अजय राय 13 मई को हमारे सामने 5 मिनट में नामांकन दाखिल करके चले गए थे। हम नेता नहीं थे बल्कि आम आदमी थे। और संघर्ष करने के लिए निकले थे। इंदौर, सूरत में जो कुछ हुआ, वह हमें गलत लगा, इसलिए वाराणसी से संदेश देने के लिए हमने चुनाव लड़ने की ठानी थी। हमारा संदेश इतना मजबूत जाएगा, इसका हमें अंदाजा नहीं था।

(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी पंजाब केसरी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है )

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