पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर में राजौरी जिले के केरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास थल सेना के एक गश्ती दल पर आज गोलीबारी की, जिसमें एक मेजर और तीन सैनिक शहीद हो गए। अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष विराम उल्लंघन की ताजा घटना ऐसे वक्त हुई, जब मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती लोगों की शिकायतें दूर करने के इरादे से राजौरी जिला मुख्यालय में हैं।
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने दोपहर करीब सवा बारह बजे केरी सेक्टर के ब्रात गल्ला में थल सेना के एक गश्ती दल को निशाना बनाया। प्रवक्ता ने बताया कि मेजर मोहरकर प्रफुल्ल अंबादास, लांस नायक गुरमैल सिंह और सिपाही परगट सिंह गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई। दो अन्य कर्मी भी घायल हुए और उनका इलाज चल रहा है।
वहीं, राजौरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक युगल मनहर ने बताया कि दो घायल कर्मियों में भी एक की जान चली गई। इसबीच, थल सेना ने एक बयान में कहा कि भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया है। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ने मेजर सहित शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सीमा पार से गोलीबारी में शहीद हुए थलसेना के मेजर और तीन जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शहीद सैनिकों के परिजन के प्रति संवेदना प्रकट की है। राज्य के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और संघर्ष विराम उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान की निंदा की। सिंह ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, पाकिस्तान इस तरह की कायरना हरकतें कर रहा है और उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है लेकिन वह ऐसी हरकतों से बाज नहीं आ रहा।
मेजर अंबादास (32) महाराष्ट्र के भंडारा जिले, जबकि लांस नायक गुरमैल सिंह (34) पंजाब के अमृतसर जिला निवासी थे। वहीं, सिपाही परगट सिंह (30) हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले थे। थल सेना ने एक बयान में कहा, मेजर अंबादास, लांस नायक गुरमैल और सिपाही परगट बहादुर सैनिक थे। कर्तव्य निवर्हन के दौरान उनके सर्वोच्च बलिदान और समर्पण को लेकर राष्ट्र हमेशा उनका रिणी रहेगा।
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