केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि शिक्षा अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण का प्रमुख साधन है और नरेन्द्र मोदी सरकार इस समुदाय के शैक्षिक उन्नयन की दिशा में मजबूती से काम कर रही है। श्री नकवी ने क्वींस लैंड एकेडमी के शिलान्यास के अवसर पर कहा कि केन्द्र सरकार समाज के हर तबके की तरह अल्पसंख्यक छात्रों को सस्ती,सुलभ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए तहरीक-ए-तालीम अभियान की शुरुआत की जा रही है।
अल्पसंख्यक मंत्रालय अपने बजट का 65 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा अल्पसंख्यकों के शैक्षिक एवं कौशल विकास पर खर्च कर रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों को विश्व स्तरीय आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय देश भर में पांच विश्व स्तरीय शैक्षिक संस्थानों की स्थापना कर रहा है। पूरे देश में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर 100 विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश के 100 जिलों में ‘गरीब नवाज कौशल विकास केंद्र’ की स्थापना की जा रही है जहाँ अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं के लिए रोजगार परक कौशल विकास से सम्बंधित विभिन्न पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
इनमें जीएसटी फैसिलिटेटर और सेनेटरी सुपरवाइजर के कोर्स भी शामिल हैं जो बड़ संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से दी जा रही विभिन्न छात्रवृतियों के लिए एक करोड़ 50 लाख रुपये से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। बेगम हजरत महल बालिका छात्रवृत्ति के लिए तीन लाख से ज्यादा आवेदन आये हैं। अल्पसंख्यक समुदाय की उन लड़कियों को उच्च शिक्षा के मकसद से प्रोत्साहित करने के लिए केंद, सरकार स्नातक लड़कियों को 51 हजार रुपये बतौर शादी शगुन देगी।
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