झारखंड भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए आज कहा कि घोटालों और कालाधन के बल पर चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जैसे दल नोटबंदी के बाद तिलमिला उठे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ऐतिहासिक साहसिक कदम का जनता ने कष्ट सहकर भी समर्थन किया है और उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बहुमत इसका प्रमाण है।
नोटबंदी के बाद कालेधन की समानांतर अर्थव्यवस्था हिल गई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की वर्षगांठ पर काला दिवस मनाने की घोषणा करने वाले विपक्षी दलों का चेहरा बेनकाब हो गया है। दरअसल नोटबंदी का विरोध करने वाले दल कालाधन के समर्थक हैं वहीं भाजपा कालाधन विरोधी दिवस मना रही है। श्री प्रभाकर ने कहा कि कांग्रेस, झामुमो, समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत कई विपक्षी दलों की राजनीति भ्रष्टाचार और कालेधन की बदौलत चल रही थी लेकिन श्री मोदी ने नोटबंदी लागू कर इसपर कुठाराघात कर दिया तो हताशा में ये पर्टियां अनाप-शनाप आरोप लगा रही हैं।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के खिलाफ काला दिवस मनाने की घोषणा कर विपक्षी दलों ने अपने भ्रष्ट चरित्र का परिचय दे दिया है। विपक्षी दल नहीं चाहते कि कालाधन खत्म हो इसलिए वे नोटबंदी के खिलाफ अभियान और आंदोलन चला रहे हैं। श्री प्रभाकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में भाजपा को प्रचंड बहुमत देकर जनता ने नोटबंदी के ऐतिहासिक और साहसिक फैसले पर मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से आतंकवाद और उग्रवाद पर लगाम लगी है। कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं 80 प्रतिशत तक कम हो गई हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कालेधन को बढ़वा देने में मददगार ऊंचे मूल्य के नोटों का परिचालन 33 प्रतिशत तक कम हो गया है। करदाताओं की संख्या 26 प्रतिशत बढ़ है और डिजिटल लेनदेन 56 में प्रतिशत की बढ़तरी हुई है। उन्होंने कहा कि ऋण की दरें कम हुई हैं जिससे मासिक किस्त घटी है। रियल इस्टेट यानी जमीन-फ्लैट के दामों में गिरावट आ रही है। इस तरह आम जनता को लाभ हो रहा है।
श्री प्रभाकर ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों के 23 लाख खातों में पौने चार लाख करोड़ की संदेहास्पद जमा राशि की जांच चल रही है। करीब 18 लाख संदिग्ध पैन कार्ड के मामले पकड़ गए हैं। रोचक बात तो यह है कि मात्र 11 लाख लोगों ने कुल जमा का 33 प्रतिशत यानी पांच लाख करोड़ रुपये जमा कराये हैं, जिनपर जांच चल रही है। नोटबंदी के बाद नगर निकायों का राजस्व तीन से पांच गुना तक बढ़ गया। समानांतर अर्थव्यवस्था और हवाला लेनदेन जबरदस्त प्रहार हुआ है।