दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक - रक्षा मंत्री - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक – रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
देश की सैन्य शक्ति को ओर मजबूत करने के लिए सरकार कर रही है सभी तरह के प्रयास – रक्षा मंत्री 
उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में अग्रिम चौकियों पर सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों का प्रत्यक्ष जमीनी आकलन करते हुए यह बात कही। मंत्री ने कहा कि रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से देश की सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक – राजनाथ
अपनी यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्री ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अग्रिम पंक्ति के स्थानों पर तैनात सैनिकों से बातचीत की और उनके साथ दशहरा मनाया। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में सीमाओं पर तैनात सैनिकों की अडिग भावना, अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस के प्रति आभार व्यक्त किया, जो हमेशा यह सुनिश्चित करते हैं कि देश और उसके लोग सुरक्षित रहें।
रक्षा मंत्री राजनाथ ने तवांग में सैनिकों के साथ‘शस्त्र पूजा’की और कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। अपने संबोधन में, उन्होंने विजयादशमी के त्योहार के लोकाचार के जीवित प्रमाण के रूप में बहादुर सशस्त्र बल कर्मियों की धार्मिकता और धर्म का वर्णन किया।
भारत का कद अंतरराष्ट्रीय मंच बढ़ा – राजनाथ
राजनाथ सिंह ने बताया कि सशस्त्र बलों की वीरता और प्रतिबद्धता मुख्य कारणों में से एक है कि भारत का कद अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ है और यह अब सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है।
रक्षा मंत्री  ने 1962 के युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को पुष्पांजलि अर्पित की
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत, रक्षा में‘आत्मनिर्भरता’की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है। पहले हम अपनी सेना को उन्नत करने के लिए आयात पर निर्भर रहते थे। लेकिन आज, कई प्रमुख हथियारों और प्लेटफार्मों का निर्माण देश के भीतर ही किया जा रहा है। 2014 में, रक्षा निर्यात का मूल्य लगभग एक हजार करोड़ रुपये था लेकिन आज हम हजारों करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण निर्यात कर रहे हैं। ’’ रक्षा मंत्री राजंथ तवांग युद्ध स्मारक भी गए, जहां उन्होंने 1962 के युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को पुष्पांजलि अर्पित की।

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