तिरुवनंतपुरम : केरल में मूसलाधार बारिश, नदियों में उफान और भूस्खलन की घटनाओं के कारण संकटपूर्ण स्थिति बनी हुई है और अब तक 39 लोग आपदा की भेंट चढ़ चुके हैं। मुख्यमंत्री पी विजयन ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि लगातार जारी बारिश को देखते हुए राज्य सरकार ने ओणम का सरकारी समारोह आयोजित ना करने का फैसला किया है और उस पर खर्च होने वाली राशि का इस्तेमाल अब राहत अभियानों में किया जाएगा। राज्यपाल पी सदाशिवम ने भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कल आयोजित किया जाने वाला भोज रद्द कर दिया। केरल के विभिन्न हिस्सों खासतौर से पहाड़ी जिलों – वायनाड और इडुक्की में आज सुबह भारी बारिश हुई। इडुक्की जिले का मनोरम सैलानी स्थल मुन्नार का बाकी हिस्सों से संपर्क लगभग टूट गया और जलस्तर बढ़ने के बाद मत्तूपेट्टी बांध के दो जलद्वार खोले जाने के साथ यातायात बाधित हुआ।
बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित वायनाड के कई इलाके पूरी तरह डूबे हुए हैं और जिले में बानसुरा बांध में जल स्तर आज सुबह पांच बजे तक 775.60 मीटर के स्तर पर पहुंच गया। अगर और पानी छोड़ा गया तो हालात बदतर हो जाएंगे। वायनाड में 13,461 लोग 124 शिविरों में रह रहे हैं। बहरहाल, चिंता की बात यह है कि इडुक्की जिले में मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर बढ़ रहा है। बांध में जलस्तर 136.10 फुट पर पहुंच गया जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 142 फुट है। प्रशासन ने बताया कि अलर्ट जारी कर दिया गया है और लोगों को आगाह कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक बारिश से प्रभावित राज्य में 215 से ज्यादा भूस्खलन आए हैं जबकि राज्य सरकार ने 444 गांवों को बाढ़ ग्रस्त घोषित किया है। मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा कि भारी बारिश के कारण 20,000 से ज्यादा मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, सड़कों का 10 हजार किमी तक का हिस्सा बह गया और राज्य भर में 30,000 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। देश के दक्षिणी राज्य में आठ अगस्त से भारी बारिश हो रही है।
विजयन ने सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दो दिन का वेतन दान में देने की अपील की। कन्नूर के कोट्टिनूर में नदी में विशाल पेड़ बहते दिखे जबकि चप्पामला पहाड़ियों में भूस्खलन आए। शुरूआती आकलन के मुताबिक केरल को भारी बारिश के कारण 8,316 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मौसम विज्ञानियों ने राज्य की कुछ जगहों पर 18 अगस्त तक भारी बारिश होने का अनुमान लगाया है। मछुआरों को समुद्र में ना जाने की चेतावनी दी गई है।