केरल पुलिस ने बुधवार को कहा कि मानव बलि मामले में मानसिक रूप से एक विकृत व्यक्ति मुख्य आरोपी है जिसने एक अन्य पुरूष और उसकी पत्नी की वित्तीय परेशानियों को लेकर उनके डर का फायदा उठाया तथा उत्पीड़न के बाद दो महिलाओं की हत्या कर दी गयी।
सभी तीनों आरोपियों–भागवल सिंह, उसकी पत्नी लैला और मोहम्मद शफी को आज अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। तीनों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था।
इस बीच, तिरुवनंतपुरम से प्राप्त समाचार के अनुसार केरल पुलिस ने इस घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया।
राज्य के पुलिस प्रमुख अनिलकांत ने विशेष टीम गठित करने का आदेश दिया जिसमें कोच्चि के पुलिस उपायुक्त एस शशिधरन, पेरूम्बवूर के सहायक पुलिस आयुक्त अनुज पालीवाल होंगे। पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने कहा कि यह टीम अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के निरीक्षण में काम करेगी।
पुलिस ने कहा कि वह आगे की पूछताछ के लिए आरोपियों को हिरासत में लेने की मांग को लेकर फिर अदालत जाएगी।
आरोपियों की ओर से अदालत में अधिवक्ता बी. ए. अलूर पेश हुए जिन्हें कई सनसनीखेज मामलों में आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है।
एर्णाकुलम के पुलिस आयुक्त नागराजू चकिलाम ने कहा कि मुख्य आरोपी 52 वर्षीय शफी हिस्ट्री शीटर है।
नागराजू ने कहा कि उसने आरोपी दंपति की वित्तीय परेशानियों को लेकर उनकी चिंता का अनुचित फायदा उठाया और उन्हें समझाया कि मानव बलि देने से उनकी वित्तीय परेशानियां दूर हो जाएगी । पुलिस अधिकारी के अनुसार इस तरह वह दोनों पति-पत्नी को अपने प्रभाव में लेने में कामयाब रहा। सिंह पारंपरिक मालिश विशेषज्ञ था।
तीनों के ‘नरमांस भक्षण’ में शामिल रहने की खबर के बारे में उन्होंने कहा कि इस संभावना की भी जांच की जा रही है लेकिन इसकी पुष्टि के लिए सबूत नहीं है।
आयुक्त ने कहा, ‘‘मूल रूप से शफी मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति एवं परपीड़क है…. उसे दूसरों को चोट पहुंचाने, घायल करने एवं उनकी जान लेने में खुशी मिलती है। वह कुछ भी कहानी गढकर किसी को भी फंसा लेगा….।’’
उन्होंने कहा कि शफी के विरूद्ध चोरी, बलात्कार समेत कई अपराधों के मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि बलात्कार के एक मामले में 75 साल की एक महिला के साथ बलात्कार किया गया तथा उसके शरीर के विभिन्न हिस्सों पर चाकू से वार किया गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मानव बलि के मामले में भी पीड़िताओं के गुप्तांगों पर जख्म थे।
उन्होंने कहा कि तीनों ही आरोपी इन दोनों हत्याओं में सीधे सीधे शामिल रहे हैं लेकिन आरोपी दंपत्ति का अपराध का कोई इतिहास नहीं रहा है।
नागराजू ने कहा कि एलामकुलम से पद्मा नामक एक महिला की गुमशुदगी की जांच के दौरान रोसलिन नामक एक अन्य महिला की हत्या का भी पता चला। उनके मुताबिक पद्मा सितंबर में लापता हुई थी जबकि चालाकुडी की निवासी रोसलिन जून में गुम हो गयी थी।
पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘ हमारे पास जो चीज थी, वी एक महिला के शफी के साथ कार में सवार होने का सीसीटीवी दृश्य था। इसके सिवा कुछ नहीं। एक पुलिस दल ने वैज्ञानिक तरीका अपनाया तथा एलानथूर में घर तक जाने का उनका पता लगाया, दंपत्ति से पूछताछ की एवं समूची घटना से पर्दा हट गया।’’
पुलिस की रिमांड रिपोर्ट के अनुसार दोनों पीड़िताओं का उत्पीड़न किया गया तथा उनमें से एक के स्तनों को काटकर अलग कर दिया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों ने दूसरी पीड़िता के शव के 56 टुकड़े कर दिये ।
पुलिस के मुताबिक पीड़िताओं को उनकी हत्या करने से पहले खाट से बांध दिया गया और आरोपियों ने उनके गुप्तांगों पर चाकू से वार कर उन्हें गहरे जख्म दिये।
इस रिपोर्ट के अनुसार पथनमथिट्टा जिले के एलानथूर गांव के आरोपी दंपत्ति के घर में दोनों महिलाओं के शरीर के टुकड़े किये गये, उनका गला घोंट दिया गया और फिर इन टुकड़ों को गड्ढे में दबा दिया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ तीसरे आरोपी ने सिंह और लैला के पक्ष में देवी को प्रसन्न कर उनके जीवन में समृद्धि लाने की मंशा से मानव बलि की साजिश रची।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि शफी ने एक महिला को लालच दिया था और वह उसे यौन कार्य के वास्ते 15000 रुपये की पेशकश कर सिंह के घर लाया था।
रिपोर्ट के अनुसार दूसरी महिला को पोर्न (अश्लील) फिल्म में अभिनय के लिए 10 लाख रुपये का वादा किया गया और बहला-फुसलाकर अपराध स्थल पर लाया गया। ग्यारह अक्टूबर को खुदाई कर इन दोनों महिलाओं के शव के टुकड़े बाहर निकाले गये।
भाजपा नेता प्रकाश जावडेकर ने मानव बलि को लेकर माकपा नीत सरकार की आलोचना की और कहा कि केरल में महिलाओं के विरूद्ध अपराध बढ़ रहे हैं।