कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पंचमसाली जाति के लोगों को आरक्षण देने पर पूर्व में लगाई गई रोक हटा दी। इसके साथ ही राज्य सरकार के लिए इस मामले में फैसला लेने का रास्ता साफ हो गया है।
इससे पहले, 12 जनवरी को अदालत ने कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा पेश अंतरिम रिपोर्ट पर कोई भी कदम उठाने पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
पंचसाली जाति लिंगायत समुदाय के अंतर्गत आती है, जो राज्य की आरक्षण सूची की 2ए श्रेणी में जाति को शामिल करने की मांग कर रही है।
उल्लेखनीय है कि डी जी राघवेंद्र नामक याचिकाकर्ता ने अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर पंचमसाली जाति को आरक्षण सूची की 2ए श्रेणी में शामिल करने के खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की थी।
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को आरक्षण पर यथास्थिति कायम रखने के आदेश को रद्द कर दिया। इसके साथ ही राज्य सरकार के लिए हाल के विधानसभा सत्र में समुदाय को आरक्षण देने की घोषणा को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है।