महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार पर एक बार फिर जुबानी हमला बोला है। फडणवीस ने मंगलवार को उद्धव सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मात्र दो दिन के लिए मानसून सत्र बुलाने की तैयारी कर रही है, जिससे साफ होता है कि इस सरकार को जन हित कार्यों से कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि उद्धव सरकार जनता के मुद्दे से बचने की पूरी कोशिश कर रही है। वहीं, कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में शामिल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि महा विकास आघाडी सरकार आम आदमी से जुड़े मुद्दों और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ‘‘भागने’’ की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज, हम (भाजपा नेता) राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के आयोजन को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं से मिले। हम यह देखकर हैरान रह गए कि सरकार केवल दो दिन के लिए सत्र आयोजित करने की योजना बना रही है।’’ फडणवीस ने कहा कि भाजपा नेताओं ने इतनी कम अवधि के लिए मानसून सत्र आयोजित किए जाने की सरकार की योजना के विरोध में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक से बहिर्गमन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए आम आदमी की आवाज उठाने के लिए कोई जगह नहीं बची है। लोगों, किसानों, छात्रों और राज्य में कानून व्यवस्था से जुड़े विषयों सहित विभिन्न मुद्दों को उठाने के वास्ते दो दिन का मानसून सत्र हमारे लिए बहुत छोटा होगा।’’
शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर भाजपा से फिर से हाथ मिलाने का आग्रह किए जाने से संबंधित सवाल पर फडणवीस ने कहा, ‘‘शिवसेना के किसी विधायक का अपने पार्टी प्रमुख को पत्र लिखना एक आंतरिक मामला है। भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इस सरकार को गिराने में हमारी पार्टी की कोई रुचि नहीं है। तीन दलों (शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस) की यह सरकार अपने अंदरूनी भार के चलते ही गिर जाएगी।’’
धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे सरनाईक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भाजपा तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘‘फिर से मेल-मिलाप’’ करने का आग्रह किया था और कहा था कि इससे उनके जैसे कुछ शिवसेना नेता ‘‘केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा परेशान किए जाने से बच जाएंगे।’’