छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित विधायकों ने ली शपथ ली, रमन सिंह च

छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित विधायकों ने ली शपथ ली, रमन सिंह चुने गए अध्यक्ष

छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र मंगलवार से शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई। वहीं, डॉ. रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर निर्वाचित किया गया। विधानसभा सत्र की कार्रवाई शुरू होते ही एक मिनट की परंपरा के मुताबिक मौन धारण किया गया।

  • डॉ. रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष
  • मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शपथ ली
  • नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत

सदन के वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम को बधाई दी। प्रोटेम स्पीकर ने सभापति तालिका में विक्रम उसेंडी, धर्मजीत सिंह, बघेल लखेश्वर दलेश्वर साहू को मनोनीत किया और नव नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। सबसे पहले सदन के नेता मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शपथ ली, उसके बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत और उसके बाद उपमुख्यमंत्री अरुण साव व विजय शर्मा ने शपथ ग्रहण की।

डॉ. रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष

विधानसभा अध्यक्ष के लिए अलग-अलग प्रस्तावकों ने डॉ. रमन सिंह के नाम के पांच प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे। मुख्यमंत्री साय ने डॉ. रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव रखा तो उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने प्रस्ताव का समर्थन किया, इसके अलावा एक प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भी प्रस्तुत किया, जिसका समर्थन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया।

विधि विधायी कार्यों का लंबा अनुभव

मुख्यमंत्री साय ने डॉ. रमन सिंह को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई देते हुए कहा कि डॉ. सिंह प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और केंद्रीय मंत्री रहे हैं। मेरा सौभाग्य है कि इनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन मुझे लगातार मिलता रहा है। उन्हें संसदीय परंपराओं और विधि विधायी कार्यों का लंबा अनुभव है। उनके अनुभवों का लाभ इस सदन को मिलेगा।

नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष

उन्होंने डॉ. रमन सिंह की सहज, सरल और सौम्य छवि, सबको साथ लेकर चलने की विशेषता का भी उल्लेख किया। नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष और अपने रिश्तों को याद करते हुए कहा कि जब डॉ. रमन प्रदेश सांसद से अध्यक्ष बने तब थोड़ी दरार आ गई थी और जब मुख्यमंत्री बने तो दरार बढ़ गई, आप अलग रहे, हम अलग रहे, फिर भी आपको एक पुरानी याद दिलाता हूं। एक गीत की लाइन है, हममें जो तुममें करार था, तुम्हें याद हो कि न याद हो।

भूपेश बघेल ने भी नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बधाई दी

वहीं, वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बधाई दी और कहा कि इस सदन की बहुत सारी परंपरा रही है। इस पवित्र सदन ने नई-नई परंपराएं स्थापित की हैं, उसमें आपका बड़ा योगदान रहा है। अब भूमिकाएं बदल गई। पहले जब आप यहां बैठते थे, हम लोग उधर रहते थे तो खूब तेज आक्रमण करते थे। जब रिजल्ट आया, मैं सोच रहा था कि अकेले ही पूर्व मुख्यमंत्री रहूंगा, लेकिन, आपने रहने नहीं दिया, हम दो लोग पूर्व मुख्यमंत्री हो गए।

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