केन्द्र सरकार और पंजाब के बीच किसानों को गेहूं खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के सीधे आनलाइन भुगतान के मुद्दे को सुलझाने के लिये केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल बृहस्पतिवार को पंजाब के खाद्य मंत्री भारत भूषण आशु से मुलाकात करेंगे।
केन्द्र सरकार इस बात को लेकर पंजाब सरकार पर दबाव बना रही है कि 10 अप्रैल से शुरू होने वाले रबी मौसम के खरीद सत्र में किसानों को खरीद का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाये। दूसरी तरफ पंजाब सरकार इस मामले में राहत चाहती है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भुगतान की मौजूदा प्रणाली को ही जारी रखना चाहती है। मौजूदा प्रणाली में किसानों को भुगतान ‘‘आढ़तियों’’ (कमीशन एजेंट) के जरिये किया जाता है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद गोयल ने इस बात की पुष्टि की है कि वह पंजाब के मंत्री से बृहस्पतिवार को मुलाकात करेंगे।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि पंजाब को पहले ही तीन बार इस मामले में छूट दी जा चुकी है और अब आगे छूट देना व्यवहारिक नहीं होगा क्योंकि अन्य सभी प्रमुख कृषि उपज की खरीदारी करने वाले राज्यों में भुगतान सीधे बैंक खातों में किया जा रहा है। वित्त मंत्रालय के दिशानिर्देश के तहत यह किया जा रहा है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दो पत्र लिखे हैं लेकिन उन्हें कोई सकारात्मक जवाब प्राप्त नहीं हुआ।
केन्द्र इस मामले में पंजाब पर आरोप लगाता रहा है कि वह प्रत्यक्ष बैंक अंतरण (डीबीटी) भुगतान को लेकर किसानों को भ्रमित करता रहा है। पंजाब के किसानों से कहा जा रहा है कि भूमि के मालिक किसानों को ही डीबीटी भुगतान प्राप्त होगा। सूत्रों का कहना है कि डीबीटी प्रणाली के मामले में अब केन्द्र सरकार पंजाब को और छूट देने के मूड में नहीं है क्योंकि राज्य में डीबीटी प्रणाली तैयारी में है।
सूत्रों का कहना है कि केन्द्र सरकार का कहना है कि जो किसान जमीन के मालिक नहीं है उनसे की गई खरीद का भुगतान सीधे उन्हें ही किया जायेगा इसका भूमि के मालिकाना हक पर कोई प्रभाव नहीं होगा। केन्द्र इस बात को लेकर हैरत में है कि आखिर पंजाब सरकार आढतियों के जरिये ही भुगतान करने पर जोर क्यों दे रही है।